दुकानों के खुलने लगे शटर, ढहे पेड़ भी हटे; बिपरजॉय की तबाही के बाद कच्छ में वापस पटरी पर लौट रही जिंदगी
IMD ने बताया कि गुरुवार शाम को बिपरजॉय तूफान जखाऊ बंदरगाह पर तट से टकराया था। आईएमडी ने कहा कि चक्रवात के प्रभाव से राज्य के कई उत्तरी जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है।
Biparjoy Cyclone: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने गुजरात में भारी तबाही मचाई। करीब एक लाख लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा। हजारों गांवों को अंधेरे ने निगल लिया। सैकड़ों पेड़ ढह गए। कई पुल टूट गए। चारों ओर तबाही ही तबाही। ऐसे में गुजरात के कच्छ से एक अच्छी खबर आई है। कच्छ के लोगों की जिंदगी अब वापस पटरी पर लौट रही है। शनिवार को कच्छ की ज्यादातर दुकानों का शटर खुला हुआ दिखा।
शनिवार को कच्छ की दुकानों और कारोबारी प्रतिष्ठानों का शटर खुल गया। वहीं कई शहरों और गांवों में बिजली बहाल कर दी गई है। जिन गांवों में अभी भी बिजली कटी हुई है उन्हें ठीक करने के लिए सैकड़ों टीमों की तैनाती की गई है। वहीं सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाया जा रहा है। वन विभाग की टीम ने सड़कों पर गिरे 581 पेड़ों को हटा दिया है। जानकारी के मुताबिक, करीब आठ सौ पेड़ तूफान की वजह से ढह गए थे। यह स्थिति सामान्य होने का संकेत है।
मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि गुरुवार शाम को बिपरजॉय तूफान जखाऊ बंदरगाह पर तट से टकराया था। आईएमडी ने कहा कि चक्रवात के प्रभाव से राज्य के कई उत्तरी जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चक्रवात प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे और राहत एवं बचाव अभियान का प्रबंधन कर रहे लोगों के साथ भुज में समीक्षा बैठक करेंगे। चक्रवात के कच्छ से गुजर जाने के बाद क्षेत्र में बारिश नहीं हो रही है और हवा का वेग भी उल्लेखनीय रूप से कम हुआ है।
अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन ने अधिकतर सड़कों से उखड़े हुए पेड़ों को हटा दिया है और भुज एवं मांडवी जैसे शहरों तथा कई गांवों में बिजली बहाल करने के लिए काम किया जा रहा है। राज्य सरकार ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि बिजली बहाल करने के लिए कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, मोरबी, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, राजकोट और पोरबंदर जिलों में 1,127 टीम काम कर रही हैं।
कच्छ जिले में शनिवार को जनजीवन पर पटरी पर लौटता दिखा और सुबह दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान खुल गए। बिपारजॉय के संभावित आगमन के मद्देनजर सरकार ने राज्य के संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले एक लाख से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था। सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा था कि 1,09,000 लोगों को तटीय क्षेत्रों से अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित किया गया है, जिनमें 10,918 बच्चे, 5,070 वरिष्ठ नागरिक तथा 1,152 गर्भवती महिलाएं हैं।
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