ED ने गुजरात के व्यक्ति को किया गिरफ्तार, क्रिप्टोकरेंसी में 1,200 करोड़ की फिरौती से जुड़े हैं तार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जबरन वसूली मामले में गुजरात के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित ईडी की यह जांच सूरत पुलिस सीआईडी द्वारा सतीश कुंभानी नामक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज दो एफआईआर का संज्ञान लेने के बाद शुरू हुई है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित रूप से अपहरण और जबरन वसूली के मामलों में शामिल गुजरात के एक व्यक्ति को मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसमें 1,200 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा मामला भी शामिल है।
केंद्रीय एजेंसी ने शनिवार को एक बयान में बताया कि गुजरात के शैलेष बाबूलाल भट्ट को मंगलवार को हिरासत में लिया गया था। मनी लॉन्ड्रिंग मामले की यह जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा सतीश कुंभानी नामक व्यक्ति के खिलाफ सूरत पुलिस सीआईडी द्वारा दर्ज दो एफआईआर का संज्ञान लेने के बाद शुरू हुई।
जांच एजेंसी ने कहा कि कुंभानी बिटकनेक्ट कॉइन नामक एक कंपनी के प्रमोटर था, जिसने 2017-18 के दौरान निवेशकों को अपनी योजनाओं में अपना पैसा लगाने के लिए लुभाया था।
ईडी ने आरोप लगाया कि कुंभानी ने जनवरी 2018 में अचानक बिटकनेक्ट कॉइन की बिक्री बंद कर दी और इसके प्लैटफॉर्म को बंद कर दिया और जनता के पैसे की धोखाधड़ी करने के बाद भाग गया। भट्ट ने भी कंपनी की योजनाओं में पैसा लगाया था।
दो लोगों के अपहरण के बदले वसूली 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की फिरौती
अपनी निवेश गई रकम वापस पाने के लिए शैलेष भट्ट ने कुंभानी के दो कर्मचारियों का अपहरण कर लिया और फिरौती के तौर पर 2,091 बिटकॉइन, 11,000 लाइटकॉइन और 14.50 करोड़ रुपये नकद वसूल किए। एजेंसी ने कहा कि मौजूदा विनिमय दरों के अनुसार इन क्रिप्टो फंडों की कीमत 1,232.50 करोड़ रुपये है।
इसके अलावा ईडी ने आगे कहा कि शैलेष बाबूलाल भट्ट ने अपहरण और जबरन वसूली में सक्रिय भागीदारी के बदले अपने साथियों को अपराध आय के हिस्से में से 289 करोड़ रुपये दिए थे। इस रकम का इस्तेमाल अचल संपत्ति, सोना और अन्य संपत्ति खरीदने के लिए किया गया।
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