Earthquake in Gujarat : गुजरात में 1 माह में तीसरी बार हिली कच्छ की धरती, 3.2 तीव्रता का भूकंप आया
गुजरात के कच्छ जिले में रविवार सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। जिला प्रशासन ने कहा कि फिलहाल भूकंप से किसी के हताहत होने या संपत्ति को नुकसान पहुंचने की कोई खबर नहीं है। भूकंपीय अनुसंधान संस्थान (आईएसआर) ने के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई।
गुजरात के कच्छ जिले में रविवार सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। जिला प्रशासन ने कहा कि फिलहाल भूकंप से किसी के हताहत होने या संपत्ति को नुकसान पहुंचने की कोई खबर नहीं है। भूकंपीय अनुसंधान संस्थान (आईएसआर) ने के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई।
गांधीनगर स्थित आईएसआर ने कहा कि भूकंप सुबह 10.06 बजे दर्ज किया गया, जिसका केंद्र भचाऊ से 18 किलोमीटर उत्तर-उत्तर पूर्व में स्थित था। इस महीने जिले में 3 से अधिक तीव्रता की यह तीसरी भूकंपीय गतिविधि है। इससे पहले 23 दिसंबर को कच्छ में 3.7 तीव्रता का भूकंप आया था।
आईएसआर के डेटा अनुसार, 7 दिसंबर को जिले में 3.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। पिछले महीने 18 नवंबर को कच्छ में 4 तीव्रता का भूकंप आया था। आईएसआर के अनुसार, इससे पहले 15 नवंबर को उत्तर गुजरात के पाटन में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था।
गुजरात भूकंप के लिहाज से काफी जोखिम वाला क्षेत्र है। गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जीएसडीएमए) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 200 वर्षों में गुजरात में नौ बड़े भूकंप आए हैं।
जीएसडीएमए के अनुसार, 26 जनवरी 2001 को कच्छ में आया भूकंप भारत में पिछली दो शताब्दियों में तीसरा सबसे बड़ा और दूसरा सबसे विनाशकारी भूकंप था। इस भूकंप में जिले के कई शहरों और गांवों को लगभग पूरी तरह से नुकसान हुआ था, जिसमें लगभग 13,800 लोग मारे गए थे और 1.67 लाख लोग घायल हुए थे।
भूकंप आने पर क्या करें, क्या ना करें
भूकंप से पहले
• अपने घर को भूकंप प्रतिरोधी बनाने हेतु स्ट्रक्चरल इंजीनियर से सलाह लें
• दीवारों और छतों की दरारों की मरम्मत कराएं
• खुले टांड दीवार से मजबूती से बांधे और भारी सामान निचले टांडों पर रखें
• आपातकालीन किट तैयार रखें
• अपने परिवार के साथ एक निजी आपातकालीन योजना तैयार करें
• 'झुको ढको पकड़ो' की तकनीक सीखें
भूकंप के दौरान
• घबराएं नहीं, शांत रहें
• टेबल के नीचे जाएं, एक हाथ से अपने सिर को ढकें और भूकंप के झटके रुकने तक टेबल को पकड़े रहें
• झटके रुकते ही फौरन बाहर निकलें - लिफ्ट का इस्तेमाल न करें
• बाहर आने के बाद इमारतों, पेड़ों, दीवारों और खंभों से दूर रहें
• अगर आप गाड़ी के अंदर हैं तो गाड़ी रोककर झटके समाप्त होने तक अंदर ही रहें, पुल इत्यादि पर जाने से बचें
भूकंप के बाद
• क्षतिग्रस्त इमारतों में न जाएं
• सीढ़ियों का प्रयोग करें, लिफ्ट या एलिवेटर का इस्तेमाल न करें
• अगर मलबे में फंस गए हों:
- माचिस न जलाएं
- अपने मुंह को कपड़े से ढकें
- दीवार या नल पर खटखटाएं और आवाज करें
- सीटी बजाएं
- कोई अन्य उपाय न होने पर ही चिल्लाएं
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