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विदेशी साइबर क्रिमिनल्स को जारी किए 530 वर्चुअल नंबर, धरे गए एयरटेल के 2 मैनेजर

एयरटेल के 2 मैनेजर को गुरुग्राम में गिरफ्तार किया गया है। ये दोनों इंडोनेशिया और चीन के साइबर क्रिमिनल्स को वर्चुअल फोन नंबर उपलब्ध कराते थे। एयरटेल के अधिकारियों ने कन्फर्म किया कि दोनों एम्प्लॉयी को सस्पेंड कर दिया गया है।

Kumar Prashant Singh लाइव हिन्दुस्तानSat, 11 Jan 2025 12:40 PM
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एयरटेल के 2 मैनेजर को गुरुग्राम में गिरफ्तार किया गया है। ये दोनों इंडोनेशिया और चीन के साइबर क्रिमिनल्स को वर्चुअल फोन नंबर उपलब्ध कराते थे। इनका नाम नीरज वालिया और हेमंत शर्मा है। ये गिरफ्तारियां साइबर फ्रॉड की एक विक्टिम की शिकायत के बाद हुईं। एयरटेल के अधिकारियों ने कन्फर्म किया कि दोनों एम्प्लॉयी को सस्पेंड कर दिया गया है।

पिछले हफ्ते शुरू हुई थी जांच
साइबर फ्रॉड के इस मामले की जांच पिछले हफ्ते तब शुरू हुई जब एक महिला ने दावा किया कि उन्होंने वर्क फ्रॉम होम का ऑफर देने वाले स्कैमर्स के कारण 10 हजार रुपये गंवा दिए। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक उनसे संपर्क करने के लिए जिस नंबर का इस्तेमाल किया गया था उसका STD कोड गुरुग्राम का था।

होटल रिव्यूज पोस्ट करने के लिए 200 रुपये का भुगतान
पीड़ित महिला को शुरुआत में एक वेबपेज पर होटल रिव्यूज पोस्ट करने के लिए 200 रुपये का भुगतान किया गया था। बाद में उन्हें एक टेलीग्राम ग्रुप में ऐड किया गया और अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। यह एक प्रीपेड टास्क था, जिसके लिए उन्हें हाई रिटर्न का वादा किया गया था। विक्टिम के वर्चुअल अकाउंट में हर ट्रांसफर के बाद फंड्स बढ़ते हुए दिख रहे थे, लेकिन जब उन्होंने पैसे निकालने की कोशिश की तो जालसाजों ने कथित तौर पर सभी ट्रांजैक्शन के ऐक्सेस पर रोक लगा दी थी।

फ्रॉड कंपनी का था वर्चुअल फोन नंबर
जांच से पता चला कि विक्टिम से संपर्क करने के लिए इस्तेमाल किया गया वर्चुअल फोन नंबर एकमदर्श सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक फ्रॉड कंपनी का था, जिसके डॉक्यूमेंट्स में डूंडाहेड़ा के एड्रेस का जिक्र था। हालांकि, लोकेशन पर जाने पर ऐसी कोई कंपनी नहीं मिली। सिटी पुलिस और इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) की एक जॉइंट टीम ने पाया कि वर्चुअल नंबर को नीरज और हेमंत ने जारी किया था।

जारी किए थे 530 वर्चुअल नंबर
इन्वेस्टिगेशन को लीड करने वाले एसीपी प्रियांशु दीवान के अनुसार नीरज ने एयरटेल में फोन नंबर इश्यू करने के लिए जरूरी साइट वेरिफिकेश का काम संभालता था। जबकि, हेमंत उसका टीम लीडर था। दोनों ने ट्राई के नियमों का उल्लंघन करते हुए फर्जी कंपनी को एक डीआईडी ​​(डायरेक्ट इनवर्ड डायलिंग) वर्चुअल लैंडलाइन नंबर जारी किया। पुलिस को बाद में यह भी पता चला कि इन दोनों ने इंडोनेशिया की कंपनी को करीब 530 वर्चुअल नंबर इश्यू किए थे, जिनमें कई नंबर चीन के जालसाजों को भी उपलब्ध कराए गए थे।

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मैनेजर्स के मोबाइल फोन जब्त
एसीपी ने कहा, 'हमें एक वॉट्सएप ग्रुप में सबूत मिले हैं, जिससे पता चला कि आरोपी ने बिना सही वेरिफिकेशन कई और कंपनियों को वर्चुअल फोन नंबर जारी किए हैं। हम अभी इन कंपनियों की वैधता की जांच कर रहे हैं और यह भी पता लगा रहे हैं कि नंबरों को कैसे यूज किया गया'। फिलहाल, पुलिस ने एयरटेल मैनेजर्स से दो मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं और बीएनएस धारा 318 (4) (धोखाधड़ी), 319 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), और 61 (2) (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया है।

(Photo: hackingnews)

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