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Tata Play एक करोड़ ग्राहकों के प्लान से हटाएगा सारे Sony चैनल्स, कहा - कम आएगा बिल

अगर आप भी Tata Play के सब्सक्राइबर हैं, तो आपके लिए बड़ी खबर है। टाटा प्ले ने लगभग 10 मिलियन (1 करोड़) ग्राहकों के प्लान्स से सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के सभी टीवी चैनलों को हटाने का फैसला किया है।

Arpit Soni लाइव मिंट Thu, 1 Aug 2024 07:28 PM
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अगर आप भी Tata Play के सब्सक्राइबर हैं, तो आपके लिए बड़ी खबर है। टाटा प्ले ने लगभग 10 मिलियन (1 करोड़) ग्राहकों के प्लान्स से सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (एसपीएनआई) के सभी टीवी चैनलों को हटाने का फैसला किया है। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ हरित नागपाल ने मिंट को बताया कि गुरुवार को एक मिलियन ग्राहकों के साथ यह कदम उठाया गया और अगले 10 दिनों तक जारी रहेगा।

सोनी ने कहा ये कदम मनमाना और बदले जैसा

डीटीएच ऑपरेटर ने कहा कि ऐसा चैनलों की लो व्यूअरशिप के कारण किया जा रहा है, लेकिन एसपीएनआई ने इस कदम को "मनमाना" और "बदला" करार दिया।

सोनी के चैनल नहीं देख रहे ग्राहक

नागपाल ने कहा कि व्यूअरशिप डेटा के अनुसार, टाटा प्ले के लगभग 40-50% ग्राहक सोनी चैनल सब्सक्राइब करते हैं, लेकिन केवल 25% ही उन्हें देखते हैं। उन्होंने कहा, "रिटर्न पाथ डेटा के बिना, उन 75% ग्राहकों की पहचान करना चुनौतीपूर्ण है जो भुगतान करते हैं लेकिन इन चैनलों को नहीं देखते हैं। एक कस्टमर-सेंट्रिक कंपनी होने के नाते, हमने इन ग्राहकों के मंथली DTH बिलों को कम करने के लिए इन चैनलों को हटाने का फैसला किया। "जो लोग सोनी चैनल देखना जारी रखना चाहते हैं, वे हमारे ऐप या कॉल सेंटर के माध्यम से या एक टेक्स्ट मैसेज भेजकर फिर से सब्सक्राइब कर सकते हैं। रीएक्टिवेशन लगभग तुरंत होता है।"

उन्होंने माना कि इन चैनलों को हटाने से कंपनी के रेवेन्यू पर असर पड़ेगा, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल वे दर्शक ही इनके लिए भुगतान करेंगे जो इन चैनलों को वास्तव में देखना चाहते हैं।

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सोनी ने कहा यह बदला लिया गया है

मिंट के सवालों के जवाब में एसपीएनआई के प्रवक्ता ने कहा, "एसपीएनआई को हाल ही में टाटा प्ले के लगभग 10 मिलियन ग्राहकों के प्लान्स से सोनी चैनल हटाने के फैसले के बारे में पता चला है। ऐसा लगता है कि यह फैसला एसपीएनआई को सूचित किए बिना या ग्राहकों की प्राथमिकताओं पर विचार किए बिना लिया गया है। हमारा मानना ​​है कि यह टाटा प्ले के सब्सक्राइबर मैनेजमेंट सिस्टम पर हमारे ऑडिट राइट्स का प्रयोग करने का बदला लिया गया है, जहां हमने पिछले सालों में कई खामियों को देखा और बताया है।"

प्रवक्ता ने कहा कि टाटा प्ले का लो व्यूअरशिप का दावा भ्रामक है। उन्होंने कहा, "हमें पूरा भरोसा है कि हमारे लोयल व्यूअर, जो डाइवर्स और हाई क्वालिटी कंटेंट की सराहना करते हैं, देशभर में अन्य प्लेटफॉर्म के माध्यम से हमारे चैनल देखना जारी रखेंगे। बेहतरीन मनोरंजन देने की हमारी प्रतिबद्धता अटल है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि टाटा प्ले की हरकतों के बावजूद हमारे दर्शक अपने पसंदीदा शो और चैनल कभी न चूकें।"

टाटा प्ले ने कहा ये

टाटा प्ले के प्रवक्ता ने जवाब में कहा, "टाटा प्ले हर महीने की 7, 14, 21 और 28 तारीख को अपने एसएमएस (सब्सक्राइबर मैनेजमेंट सिस्टम) से डिटेल स्टेटमेंट्स ब्रॉडकास्टर्स को सौंपता है। हमारे एसएमएस का नियमित रूप से ट्राई के अधिकृत ऑडिटर द्वारा ऑडिट भी किया जाता है और इनमें से किसी भी ऑडिट में कभी कोई विसंगति नहीं पाई गई है।"

पहले भी टाटा प्ले कर चुकी है ऐसा

यह पहली बार नहीं है जब टाटा प्ले ने अपने ग्राहकों के बिल कम करने के लिए उनके प्लान से चैनल हटा दिए हैं, लेकिन यह पहली बार है जब इसने किसी खास ब्रॉडकास्टर को टारगेट किया है। मार्च 2022 में, टाटा प्ले ने स्वेच्छा से अपने लगभग आधे ग्राहकों के सब्सक्रिप्शन प्लान को डाउनग्रेड कर दिया था। कंपनी के इस कदम से हर ग्राहक को हर महीने 30-100 रुपये की बचत हुई और कंपनी के लिए चर्न को कम करने में मदद मिली।

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ग्राहकों के बिल ने कमी आएगी- नागपाल

नागपाल ने कहा, "हमारे द्वारा दी जाने वाली सुविधा को देखते हुए, हम सबसे कम दर्शकों वाले चैनल को बंद करने का प्रयोग करना चाहते थे। इस मामले में, यह सोनी था। इससे ग्राहकों के बिल में भी कमी आएगी।"

10 दिनों में चैनल हटाने के फैसले के बारे में उन्होंने कहा, "इससे कॉल सेंटर्स पर भार कम होगा। यह फैसला डेटा के आधार पर लिया गया है, जिसमें दिखाया गया है कि सोनी चैनल देखने वालों की तुलना में चार गुना ज्यादा लोग चैनल सब्सक्राइब करते हैं। हमने पिछले कई सालों से इस प्रक्रिया को आसान बनाकर अपने सब्सक्राइबर्स को फायदा पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। हमारा तर्क सीधा है: चूंकि एक चौथाई से भी कम सब्सक्राइबर चैनल देख रहे हैं, इसलिए 75% को गैरजरूरी चैनलों के लिए भुगतान न करके पैसे बचाने चाहिए।"

 

 

(कवर फोटो क्रेडिट-द हिन्दू)

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