Google ने किया खेल, कानूनी कार्रवाई से बचे रहने के लिए छुपाए सबूत; नई रिपोर्ट में खुलासा
गूगल पर इंटरनल डॉक्यूमेंट्स डिलीट करवाने और कर्मचारियों को खास निर्देश देने का आरोप लगा है। आरोप है कि गूगल ने मुकदमों और कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए कई तरकीबें आजमाईं।
दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी Google को साल 2008 से ही एक के बाद एक कानूनी मामलों और विवादों का सामना करना पड़ा है। इस कंपनी पर आरोप लगते रहे हैं कि इसने मार्केट में प्रतिस्पर्धा को खत्म करते हुए अपनी जगह बनाई है। अब कंपनी के इंटरनल कम्युनिकेशन और डॉक्यूमेंट्स को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। सामने आया है कि गूगल ने खुद अपने कर्मचारियों से सेंसिटिव जानकारी डिलीट करने को कहा और कानूनी जांच से बचे रहने के लिए अलग-अलग तरीके आजमाए।
न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में सामने आया है कि गूगल ने एक खास स्ट्रेटजी अपनाते हुए अपने कर्मचारियों को इंटरनल कम्युनिकेशन के दौरान कुछ खास शब्दों का इस्तेमाल करने से रोका। आरोप हैं कि गूगल ने ऐसे डॉक्यूमेंट्स डिलीट करवाए, जिन्हें मुकदमे फाइल करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था। गूगल ने अपने अपने लीगल प्रिविलेज का भी गलत इस्तेमाल किया और कई मामलों को लेकर अपने कर्मचारियों को भी अंधेरे में रखा। कंपनी ने ऐसा इसलिए किया, जिससे उसे कानूनी कार्रवाई में ना फंसना पड़े।
टेक कंपनी ने कीं कई संदिग्ध गतिविधियां
गूगल ने अपनी कर्मचारियों से कई सेंसिटिव डॉक्यूमेंट्स डिलीट करने को कहा और इंटरनल कम्युनिकेशन के लिए ऐसे टूल्स इस्तेमाल किए, जो तय वक्त बीतने के बाद पुराने मेसेज अपने आप हटा देते हैं। यही नहीं, गूगल ने अपनी पोजीशन और कानूनी विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए कई डॉक्यूमेंट्स को न्यायिक जांच से बाहर रखने की कोशिश की। गूगल ने पूरी कोशिश की, जिससे यह खुद को कानूनी मामलों से बाहर रख सके।
साथ ही गूगल ने अपने कर्मचारियों से कानूनी मामलों पर टिप्पणी करने को मना किया था और कहा था कि वे कंपनी से जुड़े किसी भी मुद्दे पर लॉयर्स से बात ना करें। इसके अलावा कंपनी ने कर्मचारियों ने कुछ खास शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगा रखी थी, जिनकी लिस्ट में 'मार्केट शेयर' या फिर 'कॉम्पिटीशन' वगैरह शामिल हैं। कंपनी का मानना था कि इन शब्दों का इस्तेमाल जांच के दौरान उसके खिलाफ किया जा सकता है।
गूगल को करने होंगे कई बड़े बदलाव
माना जा रहा है कि गूगल की ओर से कई गईं प्रैक्टिसेज के कारण कानूनी जांच में रुकावट आई और गूगल ने जानबूझकर कई डॉक्यूमेंट्स को डिलीट किया, जो सबूत के तौर पर पेश किए जा सकते थे। इसके अलावा गूगल की पोजीशन को भी यह बात सामने आने से नुकसान पहुंचा है और उसे भरोसेमंद नहीं माना जा सकता। गूगल को जरूरी बदलाव करने होंगे, जिससे इंटरनल कम्युनिकेशंस बाय-डिफॉल्ट सेव हों और डिलीट ना हों।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।