भारतीय ऐप्स की बढ़ीं मुश्किलें, गूगल की प्ले स्टोर बिलिंग नीतियों के खिलाफ याचिका खारिज
महीने की शुरुआत में गूगल ने की भारतीय ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया था, जिन्हें अब दोबारा लिस्ट कर दिया गया है। ये ऐप डिवेलपर्स गूगल की नई पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं लेकिन कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया है।
बीते दिनों गूगल प्ले स्टोर से कई भारतीय ऐप्स को हटा दिया गया था और गूगल की नई बिलिंग पॉलिसी इसके लिए जिम्मेदार हैं। अब ऐप्स दोबारा लिस्ट जरूर कर दी गई हैं लेकिन ऐप डिवेलपर्स की मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं। कंपनियों ने गूगल की नई बिलिंग पॉलिसी के खिलाफ याचिकाएं दर्ज की थीं, जिन्हें कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) की ओर से खारिज कर दिया गया है।
भारतीय ऐप डिवेलपर्स ने आरोप लगाया है कि गूगल की नई प्ले स्टोर पॉलिसी प्रतिस्पर्धा विरोधी हैं। इस पॉलिसी में कहा गया है कि प्ले स्टोर के जरिए होने वाले हर तरह के भुगतान पर 11 प्रतिशत से लेकर 26 प्रतिशत तक की फीस लागू होगी। इसका विरोध करते हुए कंपनियों ने जो चार याचिकाएं दर्ज की थीं, उन्हें बुधवार को CCI ने खारिज कर दिया।
गूगल ने दिया 120 दिनों का वक्त
सॉफ्टवेयर कंपनी गूगल ने अपने एंड्रॉयड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में ऐप्स डाउनलोड का आधिकारिक विकल्प देने वाले प्ले स्टोर से 1 मार्च को 10 भारतीय ऐप्स हटा दी थीं। अचानक लगे इस झटके के बाद कंपनियां न्यायालय पहुंची थीं और ऐप्स को दोबारा लिस्ट कर दिया गया। गूगल ने नई पॉलिसी लागू करने के लिए इन ऐप्स को 120 दिनों का वक्त दिया है।
इन कंपनियों ने दायर की याचिका
हालांकि, कंपनियां अब भी इन बदलावों को लेकर खुश नहीं हैं और इन्हें लागू नहीं करना चाहतीं। इनके खिलाफ याचिका दर्ज करने वालों में अनुपम मित्तल की पीपल इंटरएक्टिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मेबिगो लैब्स, इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) और इंडियन डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री फाउंडेशन (IDMIF) शामिल हैं।
CCI का कहना है कि गूगल की नई पॉलिसी की अब भी जांच की जा रही है लेकिन याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट से प्रस्तावित अंतरिम राहत देने के लिए जरूरी मानकों को पूरा नहीं कर सके हैं।
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