शाहरुख खान लवर थे या रेपिस्ट? फिल्म डर में एक्टर के किरदार पर विकास दिव्यकीर्ति ने उठाए सवाल
शाहरुख खान ने फिल्म डर में विलेन का किरदार निभाया था। इस किरदार को लेकर अब विकास दिव्यकीर्ति ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने यश चोपड़ा की दूसरी फिल्म पर भी कमेंट किया।
शाहरुख खान ने अपने करियर में कई रोमांटिक फिल्में दी हैं। हालांकि उनकी कुछ फिल्मों में वह विलेन का किरदार भी निभा चुके हैं और दिलचस्प बात यह है कि विलेन के रूप में भी उन्होंने दर्शकों का दिल लूटा है। अब फिल्म डर में शाहरुख के किरदार को लेकर एजुकेटर विकास दिव्यकीर्ति ने कमेंट किया है। फिल्म में शाहरुख ने एक ऐसे शख्स का किरदार निभाया है जो एकतरफा प्यार कर बैठता है किरण नाम की एक महिला से। किरण की शादी हो जाती है फिर भी वह उसके पीछे पड़ा रहता है।
विकास ने उठाया सवाल
अब विकास ने यूट्यूब चैनल युवा से कहा कि फिल्म में मर्दाना प्यार दिखाने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा ये एनिमल फिल्म सब बाद में आए हैं। शाहरुख और जूही चावला की फिल्म है डर जहां लड़की के मना करने पर भी वह गाते हैं तू हां कर या ना कर, तू है मेरी किरण। मतलब उसके लिए उसकी मर्जी जरूरी नहीं है। ये लवर है या रेपिस्ट? ये कैसा सेंस है?
यश चोपड़ा की फिल्म का दिया उदाहरण
इसके बाद विकास ने यश चोपड़ा की फिल्म कभी कभी का उदाहरण दिया जिसका एक गाना है कभी-कभी मेरे दिन में ख्याल आता है कि जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए। मतलब क्या है कि तुम कोई चीज हो जो मेरे लिए बना है। तू अब से पहले सितारों में बस रही थी कहीं, तुझे जमीन पर बुलाया गया है मेरे लिए। ये किस तरह का बॉसीनेस है। लड़की की कोई लाइफ नहीं है। उसका खुद का कोई करियर नहीं है। उसके सपने नहीं हैं? आपको बस वह इंसान बनना है जो मुझे पूरा करे, बस आपका दुनिया में आने का यही मकसद है।
विकास ने कहा कि महिलाओं को भी इस तरह से बोलते हुए सुना जा सकता है लेकिन सामाजिक रूप से देखा जाता है कि पुरुष इस भाषा को बोलते हैं। पुरुष भी कभी-कभी ऑब्जेक्टिफाई किया जाता है और पुरुषों को भी ऑब्जेक्टिफाई करना उतना ही बुरा है जितना महिलाओं का करना। लेकिन इस तरह की बातें आप अक्सर आदमी की आवाज में सुनते हैं। इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि महिलाएं हमेशा सही होती हैं।
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