जब टूटी-फूटी टीम इंडिया ने तोड़ा ऑस्ट्रेलिया का 'गाबा का घमंड', किसी ने भी नहीं की थी इसकी कल्पना
जब टूटी-फूटी टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया का 'गाबा का घमंड' तोड़ा और एक ऐसा इतिहास लिखा, जिसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की थी, क्योंकि टीम एक मैच हार चुकी थी और उसमें 36 रन पर ऑल आउट हो गई थी।
भारत की टीम दिसंबर 2020 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई थी। भारत को वहां चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी थी, जिसे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी कहा जाता है। भारतीय टीम एक बार वहां सीरीज जीत चुकी थी। ऐसे में कंगारू टीम भारत से बदला लेने के लिए आतुर थी। सीरीज की शुरुआत में ऐसा ही हुआ। 17 दिसंबर से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज का पहला मैच खेला गया। दोनों टीमों की पहली-पहली पारी लगभग एक जैसी रही, लेकिन दूसरी पारी में जब टीम इंडिया उतरी तो पिंक बॉल से टीम के परखच्चे उड़ गए। भारत की टीम महज 36 रन पर ऑल आउट हो गई। ऑस्ट्रेलिया ने आसानी से 8 विकेट से मैच जीत लिया। इसके बाद किसी ने कल्पना नहीं की होगी कि 0-1 से पिछड़ने के बाद टीम इंडिया 2-1 से सीरीज जीतेगी।
माइकल क्लार्क, रिकी पोंटिंग, मार्क वॉ, माइकल वॉन और ब्रैड हैडिन जैसे दिग्गज क्रिकेटरों ने इस बात की भविष्यवाणी कर दी थी कि अब भारत को व्हाइटवॉश झेलना पड़ सकता है, क्योंकि एडिलेड में खेला गया पहला टेस्ट विराट कोहली का उस सीरीज का आखिरी मैच था, क्योंकि वे अपने पहले बच्चे के जन्म के दौरान अपनी पत्नी के साथ रहना चाहते थे। उस मैच में भारत को एक और झटका मोहम्मद शमी के रूप में लगा था, जिनकी कोहनी में फ्रैक्चर हो गया था। इस वजह से भारत का स्कोर 36/9 था और टीम को ऑलआउट मान लिया गया था। हालांकि, इसके बाद कप्तान अजिंक्य रहाणे ने टीम की कमान संभाली और ऑस्ट्रेलिया को उसी की भाषा में जवाब देते हुए दूसरा मैच मेलबर्न में 8 विकेट से जीतकर सीरीज में बराबरी की।
टूटी-फूटी थी टीम इंडिया
पहले मैच के बाद विराट कोहली और मोहम्मद शमी टीम से बाहर हो गए। दूसरे मैच के बाद उमेश यादव नहीं खेल पाए, तीसरे मैच के बाद, हनुमा विहारी, आर अश्विन, जसप्रीत बुमराह और रविंद्र जडेजा नहीं खेल पाए। इन सभी खिलाड़ियों को अलग-अलग तरह से चोट का सामना करना पड़ा। तीन मैचों के बाद सीरीज बराबरी पर खड़ी थी और चौथे मैच के लिए टीम इंडिया के पास एक टूटी-फूटी सी टीम थी। ऐसे में आखिरी मैच गाबा में खेला गया। भारत की टीम इस मैदान पर कभी टेस्ट मैच नहीं जीती थी और यहां तक कि इस मैदान पर लंबे समय से ऑस्ट्रेलिया को कोई हरा नहीं पाया था।
और फिर टूट गया गाबा का घमंड
सीरीज के अंतिम मैच में ऑस्ट्रेलिया ने दमदार शुरुआत की। पहली पारी में मार्नस लाबुशेन के शतक की बदौलत 369 रन बनाए। इसका जवाब भारत ने दमदार अंदाज में दिया। किसी ने शतक तो नहीं जड़ा, लेकिन वॉशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर के अर्धशतकों के अलावा रोहित शर्मा ने 44 रन की पारी खेली। इस तरह भारत 336 तक पहुंचा। ऑस्ट्रेलिया को 33 रनों की बढ़त मिली और ऑस्ट्रेलिया ने तीसरी पारी में 294 रन ही बनाए। इस तरह भारत के सामने जीत के लिए 328 रनों का लक्ष्य मिला।
भारत को शुरुआत अच्छी नहीं मिली। रोहित शर्मा जल्दी आउट हो गए, लेकिन शुभमन गिल ने 91 और चेतेश्वर पुजारा ने 56 रनों की पारी खेलकर मैच में जान डाल दी। कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 24 रन बनाए, जबकि ऋषभ पंत ने 138 गेंदों में 9 चौके और 1 छक्के की बदौलत नाबाद 91 रन बनाए, जो किसी भी सूरत में शतक से कम नहीं थे, क्योंकि यही वो पारी थी, जिसने ऑस्ट्रेलिया का गाबा का घमंड तोड़ा। उस समय हिंदी कमेंट्री में माइक विवेक राजदान के हाथ में था और उनके मुंह से यही शब्द निकले कि अब टूट गया है गाबा का घमंड।
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