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Hindi Newsक्रिकेट न्यूज़Rahul Dravid Reveals lowest point as India head coach Says lost the South Africa series despite being ahead

उस सीरीज में बहुत दिल टूटा...राहुल द्रविड़ का हैरतअंगेज खुलासा, ये था बतौर इंडिया हेड कोच सबसे मुश्किल वक्त

टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान के सबसे मुश्किल वक्त का खुलासा किया है। द्रविड़ ने साल 2021 में हेड कोच की जिम्मेदारी थी। उनका कार्यकाल जून 2024 में समाप्त हुआ।

Md.Akram लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 10 Aug 2024 12:36 PM
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राहुल द्रविड़ ने बतौर टीम इंडिया हेड कोच अपने सबसे मुश्किल वक्त को लेकर एक हैरतअंगेज खुलासा किया है। द्रविड़ का आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में मिली हार से भी ज्यादा दिल साउथ अफ्रीका टेस्ट सीरीज गंवाने से टूटा था। उन्होंने उस सीरीज को अपने कार्यकाल का सबसे मुश्किल दौर करार दिया। बता दें कि भारत साल 2021 में साउथ अफ्रीका दौरे पर तीन मैचों की टेस्ट सीरीज बढ़त बनाने के बावजूद 1-2 से हार गया था। भारत ने पहला टेस्ट 113 रनों से जीता लेकिन फिर सात-सात विकेट से हार झेली। द्रविड़ का हेड कोच के रूप में यह पहला विदेशी दौरा था। वहीं, विराट कोहली की बतौर कप्तान आखिरी टेस्ट सीरीज थी। भारत ने साउथ अफ्रीका की सरजमीं पर कभी टेस्ट सीरीज नहीं जीती है।

'अगर आप मुझसे पूछें कि मेरा...'

द्रविड़ ढाई साल से अधिक समय तक टीम इंडिया के हेड कोच रहे। उन्होंने नवंबर 2021 से जून 2024 तक यह जिम्मेदारी संभाली। भारत के टी20 वर्ल्ड कप 2024 चैंपियन बनने के बाद द्रविड़ का कार्यकाल समाप्त हुआ। द्रविड़ के कोच रहते भारतीय टीम तीन बार आईसीसी टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में पहुंची। हालांकि, भारत को वनडे वर्ल्ड कप 2023 और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023 के फाइनल में हार का मुंह देखना पड़ा। ईएसपीएनक्रिकइन्फो की रिपोर्ट के मुताबिक, द्रविड़ ने कहा, ''अगर आप मुझसे पूछें कि मेरा सबसे मुश्किल वक्त कौन सा था तो मैं कहूंगा कि मेरे करियर की शुरुआत में आयोजित हुई साउथ अफ्रीका टेस्ट सीरीज। हमने साउथ अफ्रीका में सेंचुरियन में पहला टेस्ट मैच जीता था और फिर हमें दूसरा और तीसरा टेस्ट मैच खेलना था।''

'हमारे कुछ सीनियर मौजूद नहीं थे'

द्रविड़ ने आगे कहा, ''जैसा कि आप जानते हैं हमने साउथ अफ्रीका में कभी कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीती है। उस सीरीज को जीतना हमारे लिए वाकई बहुत बड़ा मौका था। हमारे कुछ सीनियर खिलाड़ी मौजूद नहीं थे। रोहित शर्मा तब चोटिल होने के कारण नहीं खेल रहे थे। लेकिन हम सीरीज जीतने के बहुत करीब थे। दोनों टेस्ट मैचों की तीसरी पारी में हमारे पास बड़ा मौका था। हम एक अच्छा स्कोर बना सकते थे और मैच जीत सकते थे। हालांकि, साउथ अफ्रीकी टीम ने अच्छा खेला। उन्होंने चौथी पारी में वापसी की। इसलिए मैं कहूंगा कि भारतीय टीम का कोच रहते हुए यह मेरे लिए सबसे मुश्किल समय था क्योंकि हम सीरीज में आगे होने के बावजूद जीतने से चूक गए। लेकिन वहां से मुझे काफी कुछ सीखने को मिला।''

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