क्या आर अश्विन खेल चुके आखिरी सीरीज? भारतीय दिग्गज का हैरतअंगेज बयान, बोले- पत्नी से कहा था कि...
दिग्गज स्पिनर आर अश्विन को आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल 2023 खेलने का मौका नहीं मिला, जिसमें भारत को 209 रन से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। अश्विन ने अब एक हैरतअंगेज खुलासा किया है।
भारत के दिग्गज स्पिनर आर अश्विन का शुमार दुनिया के धाकड़ क्रिकेटर्स में होता है। वह फिलहाल आईसीसी टेस्ट बॉलिंग रैंकिंग में शीर्ष पर काबिज हैं। हालांकि, अश्विन को जब आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल 2023 की प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया तो सभी हैरान रह गए। वह तब से लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। वहीं, 473 टेस्ट विकेट चटकाने वाले अश्विन के क्रिकेट के फ्यूचर को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं। उन्होंने अब एक हैरतअंगेज बयान दिया है, जिसकी खूब चर्च हो रही है। दरअसल, 36 वर्षीय भारतीय दिग्गज ने कहा कि उन्होंने अपनी पत्नी से बोल दिया था कि ऑस्ट्रेलिया सीरीज उनकी आखिरी सीरीज हो सकती है।
बता दें भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की बॉर्डर-गवास्कर सीरीज इस साल फरवरी-मार्च में खेली गई। भारत ने यह सीरीज 2-1 से अपने नाम की। अश्विन ने 25 विकेट चटकाए और प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड जीता। भारत ने ऑस्ट्रेलिया से पहले बांग्लादेश के साथ दिसंबर 2022 में दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली थी। अश्विन ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा कि जब मैं बांग्लादेश से वापस आया तो मैंने अपनी पत्नी से बोल दिया था कि ऑस्ट्रेलिया सीरीज मेरी आखिरी सीरीज हो सकती है। मेरे घुटने में कुछ परेशानी थी। मैंने कहा कि मैं अपने एक्शन में बदलाव करने जा रहा हूं क्योंकि इससे बहुत मोमेंटम मिलता था और जब उसके साथ मैं लैंड करता था तो घुटना थोड़ा मुड़ रहा था। मैंने टी20 विश्व कप के कारण पर्याप्त वर्कलोड नहीं किया था लेकिन जिस तरह से गेंद आ रही थी, उससे मैं खुश नहीं था।
अश्विन ने कहा कि बांग्लादेश में दूसरे टेस्ट से दर्द होना शुरू हो गया था। सूज आ गई थी। मैं सोचना लगा कि इस परेशानी को कैसे हल करूँ क्योंकि मैंने तीन-चार साल तक वास्तव में अच्छी गेंदबाजी की। मेरे एक्शन को बदलने के लिए यह हास्यास्पद चीज है। मैं वापस आया और कहा कि घुटने पर बहुत अधिक लोड है और इसे बदलने का समय है और मैं अपने उसने एक्शन पर वापस जा रहा हूं जिससे 2013-14 में गेंदबाजी करता था। मैं बैंगलुरु गया। मुझे उस समय एक इंजेक्शन लेना था। मैंने अपना एक्शन बदला। मैंने गेंदबाजी शुरू की और मेरे घुटने का दर्द दूर हो गया। मैंने नागपुर में तीन-चार दिनों तक अभ्यास किया और सीधे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट में मैदान पर उतरा। टेस्ट के पहले दिन मुझे तीन-चार ओवरों गेंदबाज की तरह महसूस नहीं हुआ लेकिन जो अवेयरनेस मेरे पास थी, उसके चलते मैं इसके साथ आगे बढ़ने में सक्षम था।
दिग्गज स्पिनर ने कहा कि मुझे प्लेयर ऑफ द सीरीज अवॉर्ड जीतने पर गर्व है। मुझे लगता है कि वो शायद मेरी अब तक की बेस्ट सीरीज में से एक है और पिछले चार-पांच सालों में सीरीज में मेरा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन है। मैंने पिछले पांच सालों में बहुत कुछ अच्छा किया है मगर फिर भी ऐसा ही महसूस होता है। पीछे मुड़कर देखता हूं तो मुझे 36 साल की उम्र में ऐसा करने पर बहुत गर्व महसूस होता है। अगर मैं अपना एक्शन बदल सकता हूं और अपना करियर दांव पर लगा सकता हूं तो मुझे नहीं लगता कि जीवन में इससे बड़ी चुनौती हो सकती है। बहुत सारे लोग इनसेक्योर हो जाते हैं। वे कुछ और नहीं करना चाहते हैं और असफल हो जाते हैं। मेरे लिए एक ही एक्शन के साथ अन्य चार टेस्ट खेलना बहुत आसान है, शायद 15 या 16 विकेट ले लेता लेकिन अपने बारे में अच्छा महसूस नहीं करता।
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