Hindi Newsक्रिकेट न्यूज़Deepak Chahar sets sights on T20 World Cup 2024 he left Team India due to Father s Brain stroke

साउथ अफ्रीका दौरे को छोड़कर इसलिए स्वदेश लौट आए थे दीपक चाहर, अब बताया कारण 

साउथ अफ्रीका दौरे को छोड़कर दीपक चाहर इसलिए स्वदेश लौट आए थे, क्योंकि उनके पिता को ब्रेन स्ट्रोक आया था। वे करीब 25 दिन तक अस्पताल में थे। अलीगढ़ में उनके पिता का इलाज चला था। 

Vikash Gaur एजेंसी, भाषा, मुंबईSun, 28 Jan 2024 04:05 PM
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भारतीय तेज गेंदबाज दीपक चाहर व्यक्तिगत तौर पर चुनौतीपूर्ण दौर के कारण कुछ मुकाबलों में नहीं खेल पाए, लेकिन अब वह वापसी को तैयार हैं और उनकी निगाहें इस साल के अंत में होने वाले टी20 विश्व कप पर लगी हुई हैं। पिता के 'ब्रेन स्ट्रोक' के कारण वह दिसंबर में दक्षिण अफ्रीका के भारत दौरे और फिर इसके बाद अफगानिस्तान के खिलाफ घरेलू टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में भी नहीं खेल पाए।

दीपक चाहर ने पीटीआई से बातचीत में कहा, ''मैं अपने पिता की वजह से ही यहां हूं, जो भी मैंने हासिल किया है वो अपने पिता की वजह से ही हासिल किया। इस हालत में अगर उनके पास नहीं हूं तो मैं कैसा बेटा हूं? अगर यह सीरीज भारत में होती तो मैं निश्चित रूप से खेलने की कोशिश करता, क्योंकि अगर जरूरत होती तो मैं चार-पांच घंटे में अस्पताल पहुंच सकता था, लेकिन दक्षिण अफ्रीका से दो तीन दिन वापस आने में लगते। तो मेरे लिए आसान फैसला अपने पिता के साथ रहने का था, कोई भी बेटा ऐसा करेगा।''
    
चाहर ने कहा कि उन्हें फिटेनस संबंधित वर्कआउट के अलावा ट्रेनिंग का ज्यादा समय नहीं मिला तो वह तैयारी के लिए एनसीए में चले गए, क्योंकि उनकी निगाहें भारत की टी20 विश्व कप टीम में जगह बनाने पर लगी हैं। उन्होंने कहा, ''मैं 25 दिन तक अपने पिता के साथ अस्पताल में था। वह आगरा में नहीं अलीगढ़ में थे। हम सभी को उनके साथ वहीं रूकना था। मैं बस कुछ व्यायाम ही कर पाता था। मैं कोई भी क्रिकेट गतिविधि नहीं कर रहा था इसलिए मैं अफगानिस्तान सीरीज के लिए तैयार नहीं था। मैंने एक महीने से अभ्यास नहीं किया था। ''

उन्होंने आगे बताया, ''मैं एनसीए गया और अभ्यास शुरू किया। मैं अब पूरी तरह फिट हूं। सब ठीक है और मैंने आईपीएल और विश्व कप के लिए कड़ी ट्रेनिंग की है। मैं चोटों के कारण दो टी20 विश्व कप में नहीं खेल पाया। अगर मैं पूरी तरह फिट होता तो मैं विश्व कप टीम का भी हिस्सा होता। किसी भी टीम संयोजन में हमेशा ऐसे गेंदबाज की जरूरत होती है तो जो सातवें, आठवें और नौवें नंबर पर बल्लेबाजी कर सके। मैंने ऐसा किया है और भारतीय टीम के लिए रन बनाए हैं।''

चाहर का महेंद्र सिंह धोनी से विशेष लगाव है और उनका कहना है कि उनके करियर को निखारने और इसे लंबा करने में चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान का ही हाथ है। वह नहीं चाहते हैं कि यह महान क्रिकेटर संन्यास लें, बल्कि उन्हें दो तीन साल और खेलना चाहिए।  उन्होंने कहा, ''मुझे उनके (धोनी) साथ सहज होने में दो तीन साल लगे, मैं उन्हें बड़ा भाई मानता हूं और वह भी मुझसे छोटे भाई की तरह बर्ताव करते हैं। ''
    
चाहर ने कहा, ''लॉकडाउन के समय में हमने साथ में काफी पबजी खेला। हमने काफी गेम खेले। मैं भाग्यशाली हूं कि उनसे इतना कुछ सीखा। मैं कहूंगा कि उनकी वजह से ही मुझे भारत के लिए खेलने का मौका मिला क्योंकि इससे पहले उन्होंने 2018 आईपीएल में सभी 14 मैच खेलने का बड़ा मौका दिया था।''  धोनी पिछले एक साल से घुटने की चोट से जूझ रहे हैं। चाहर का कहना है कि उन्हें अपने करियर के इस पड़ाव पर चेन्नई सुपरकिंग्स की अतिरिक्त जिम्मेदारी लेने से बचना चाहिए और अपने खेल का लुत्फ उठाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ''वह पूरी तरह उबर गये हैं और मुझे लगता है कि उन्हें दो तीन साल और खेलना चाहिए। लेकिन यह उनका फैसला है। उन्होंने सभी को कहा कि वह चेन्नई में अपना अंतिम मैच खेलेंगे। मुझे लगता है कि सिर्फ वही फैसला करेंगे। हमारे लिए उनके बिना सीएसके के लिए खेलना मुश्किल होगा। हर किसी ने सीएसके को हमेशा माही भाई के साथ देखा है।'' 

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