IND vs NZ: कप्तानी में कौन-सी ट्रिक मिस कर रहे रोहित? विराट का अलग था 'टशन'; ये 5 बातें बढ़ाएंगी टेंशन
- रोहित शर्मा का कैप्टेंसी स्टाइल एक बार फिर सवालों के घेरे में है। भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ घर पर पहली बार सीरीज गंवाई है। न्यूजीलैंड ने दूसरा टेस्ट मैच तीसरे दिन ही अपने नाम कर लिया।
रोहित शर्मा के नेतृत्व वाली टीम इंडिया की न्यूजीलैंड सीरीज में हालत खस्ता है। न्यूजीलैंड ने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली है। न्यूजीलैंड ने शनिवार को दूसरा टेस्ट 113 रनों से अपने नाम किया। रोहित ब्रिगेड का तीसरे दिन ही काम-तमाम हो गया। भारत ने 69 सालों में पहली बार न्यूजीलैंड के हाथों घर पर टेस्ट सीरीज सीरीज गंवाई है। रोहित का कैप्टेंसी स्टाइल एक बार फिर सवालों के घेरे में है। उनकी पूर्व कप्तान विराट कोहली से तुलना हो रही है, जिनका 'टशन' अलग था। कोहली की कप्तानी में भारत का घर पर दबदबा था।
रोहित का घर पर रिकॉर्ड
रोहित की अगुवाई में भारत ने घर पर 15 टेस्ट मैचों में से चार गंवाए हैं। वह सबसे अधिक घरेलू टेस्ट हारने वाले भारतीय कप्तानों की लिस्ट में संयुक्त रूप से दूसरे पायदान पर पहुंच गए हैं। मोहम्मद अजहरुद्दीन और कपिल देव ने भी चार-चार टेस्ट हारे लेकिन दोनों ने 20-20 मैचों में कप्तानी की। ऐसे में रोहित का रिकॉर्ड टेंशन बढ़ाने वाला है। दूसरी ओर, कोहली ने भारतीय सरजमीं पर 31 टेस्ट में बागडोर संभाली और सिर्फ दो बार ही हार का मुंह देखा। न्यूजीलैंड से हारते ही भारत का लगातार 18 द्विपक्षीय घरेलू सीरीज जीतने का सिलिसिला भी समाप्त हो गया, जो वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
एग्रेसिव अप्रोच का अभाव
भारतीय टीम मैनेजमेंट भले ही एग्रेसिव अप्रोच के साथ आगे बढ़ने पर जोर दे रहा हो लेकिन न्यूजीलैंड के विरुद्ध दो टेस्ट में ज्यादातर समय इसका अभाव ही नजर आया। रोहित की तुलना में विराट अधिकतर समय मैदान पर आक्रामक अप्रोच दिखाते थे। उनका यह स्टाइल विरोधी टीम पर दबाव में बनाने में काफी कारगार साबित होता। रोहित बेंगलुरु और पुणे में पिछड़ने के बाद खिलाड़ियों से उस तरह का प्रदर्शन निकलवाने में कामयाब नहीं हो सके, जो कीवी टीम को किसी भी तरह प्रेशर में डालने का काम करता।
मैच सिचुएशन भांपने में चूके
रोहित दोनों मैचों में सिचुएशन को भांपने से पूरी तरह चूक गए। वह सही समय पर बॉलिंग में बदलाव करते हुए नजर नहीं आए। अगर कप्तान चीजों के हाथों से निकलने से पहले उसका अंदाज लगाने में कामयाब हो जाता है तो नुकसान भी कम उठाना पड़ता है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और मशहूर कमेंटेटर संजय मांजरेकर भी रोहित की इस खामी पर बोल चुके हैं। उन्होंने कहा था कि रोहित को मैच सिचुएशन को पहले ही भांप लेने का हुनर सीखना होगा ताकि हालात कंट्रोल से बाहर जाने से पहले ही गेंदबाजी में बदलाव किया जा सके।
बल्ले से भी फ्लॉप हुए रोहित
'हिटमैन' के नाम से मशहूर पिछले काफी समय बल्ले से भी कुछ खास धमाल नहीं मचा पा रहे हैं। बतौर ओपनर उतरने वाले रोहित पुणे टेस्ट की पहली पारी में शून्य पर लौटे तो दूसरी पारी में महज 8 रन बनाए। हालांकि, उन्होंने बेंगलुरु में दो रन बनाने के बाद अर्धशतक जमाया था। रोहित ने आखिरी सेंचुरी मार्च में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में लगाई थी। वह बांग्लादेश सीरीज में एक भी फिफ्टी नहीं लगा सके थे। रोहित का डिफेंस चिंता का विषय है।
WTC फाइनल का क्या होगा?
पुणे में हार के बाद भारत की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) 2023-25 के फाइनल में पहुंचने की संभावनाओं को भी झटका लगा है। कप्तान रोहित भी इससे वाकिफ हैं। भारत डब्ल्यूटीसी अंक तालिका में शीर्ष पर जरूर काबिज है लेकिन उसका जीत प्रतिशत घटकर 62.82 हो गया है। रोहित ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''मैं हार से आहत हूं। मैं अभी इस बारे में नहीं सोच सकता कि आगे क्या होने वाला है और क्या इससे (डब्ल्यूटीसी फाइनल) हमारी संभावना प्रभावित हो सकती हैं। हमने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और हम सीरीज हार गए जो आहत करने वाला है।''
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