मजबूरी या सख्ती...घरेलू क्रिकेट की तरफ क्यों भाग रहे भारतीय सितारे? जानिए इसके पीछे का पूरा सच
- आखिर ये मजबूरी है या फिर बोर्ड की सख्ती? ये सवाल सभी के सामने है, क्योंकि भारतीय सितारे अब घरेलू क्रिकेट की तरफ भाग रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है, इसके पीछे का कारण आपको जानना चाहिए।
विराट कोहली ने साल 2012 में आखिरी डोमेस्टिक मैच खेला था। रोहित शर्मा ने साल 2016 में आखिरी घरेलू मैच मुंबई के लिए खेला था। जसप्रीत बुमराह 2016 में डोमेस्टिक क्रिकेट में नजर आए थे। 2017-18 के सीजन में आखिरी बार ऋषभ पंत ने दिल्ली के लिए डोमेस्टिक क्रिकेट खेली थी। ये कुछ उदाहरण हैं, जिनका वनवास घरेलू क्रिकेट से समाप्त होने की कगार पर है। अब ये मजबूरी है या फिर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की सख्ती? इसी को समझते हैं...
हालांकि, अब 2025 में हालात अलग हैं और भारतीय सितारे घरेलू क्रिकेट की ओर भाग रहे हैं, लेकिन सवाल वही है कि आखिर ये मजबूरी है या फिर सख्ती? इसका जवाब आप खोजने निकलोगे तो आपको पता चलेगा कि ये अब भारतीय सितारों के लिए मजबूरी भी है और सख्ती भी, क्योंकि उदाहरण भारतीय क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर का दिया जाता है कि वे अपने करियर के आखिरी पड़ाव पर भी डोमेस्टिक क्रिकेट खेले थे, लेकिन आज के क्रिकेटर ऐसा नहीं करते।
किसी को 13 साल तो किसी को 8 साल घरेलू क्रिकेट खेले हुए हो चुके हैं, लेकिन अब इनको घरेलू क्रिकेट का रुख करना पड़ रहा है। रोहित शर्मा ने मुंबई की टीम के साथ रेड बॉल से प्रैक्टिस शुरू कर दी है। ऋषभ पंत ने अपनी उपलब्धता जाहिर कर दी है, जबकि विराट कोहली भी दिल्ली की टीम का हिस्सा हैं। हालांकि, उनके अभी खेलने की उम्मीद नहीं है। अगर अगले एक दो दिन में कोई पुख्ता जानकारी डीडीसीए या विराट की तरफ से आती है तो यह बड़ी बात होगी।
अब बात करते हैं कि खिलाड़ियों की मजबूरी डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना क्यों बन गई है? इसके पीछे का कारण है। भारतीय सितारों की फॉर्म...फिर चाहे बात विराट कोहली की करें, रोहित शर्मा की करें या ऋषभ पंत की करें। ये सभी खिलाड़ी फॉर्म से जूझ रहे हैं। यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल ने भी रणजी ट्रॉफी खेलने का मन बनाया है। इनके साथ भी यही समस्या है कि अगर ये नहीं खेले तो फिर इन पर गाज गिर सकती है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई भी उन खिलाड़ियों पर सख्त है, जो घरेलू क्रिकेट नहीं खेलते, खासकर वे खिलाड़ी जो आईपीएल या अन्य किसी टूर्नामेंट को तवज्जो देते हैं। बीसीसीआई की सख्ती है कि अगर वे डोमेस्टिक क्रिकेट नहीं खेलेंगे तो फिर उनका सिलेक्शन रोक दिया जाएगा और अगर वे सेंट्रल कॉन्ट्रैक्टेड प्लेयर हैं तो उनका कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू नहीं किया जाएगा। श्रेयस अय्यर और ईशान किशन इसका दंश झेल चुके हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।