Hindi Newsक्रिकेट न्यूज़BCCI get suggestions for Test Cricket Incentive Scheme player may lose payout due to Performance based variable pay

परफॉर्मेंस नहीं तो पैसा कटे…BCCI को मिला टेस्ट क्रिकेट इंसेंटिव स्कीम में बदलाव का सुझाव

  • बीसीसीआई को सजेशन मिला है कि टेस्ट क्रिकेट इंसेंटिव स्कीम में थोड़ा बदलाव किया जाए और अब परफॉर्मेंस के आधार पर खिलाड़ियों को वैरिएबल पे मिले। 2022-23 से बीसीसीआई ने इस स्कीम को लागू किया था

Vikash Gaur लाइव हिन्दुस्तानTue, 14 Jan 2025 09:56 AM
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बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में 3-1 से टीम इंडिया को मिली शर्मनाक हार के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने 11 जनवरी को एक रिव्यू मीटिंग रखी थी। इस मीटिंग में टीम के कप्तान रोहित शर्मा, हेड कोच गौतम गंभीर और चीफ सिलेक्टर अजीत आगरकर से सवाल-जवाब हुए। इस मीटिंग में एक सुझाव भी सामने आया कि वैरिएबल पे उसी खिलाड़ी को मिलना चाहिए, जिसका प्रदर्शन भी अच्छा हो। पिछले साल ही परफॉर्मेंस बेस्ड वैरएबल पे (टेस्ट क्रिकेट इंसेंटिव स्कीम) को बीसीसीआई ने शुरू किया था।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट की मानें तो इस कदम के पीछे की सोच यह सुनिश्चित करना है कि खिलाड़ी ज्यादा "जवाबदेह" हों और अगर जरूरत पड़े तो उनके प्रदर्शन के आधार पर वेतन में कटौती की जाए। इस तरह का सिस्टम कॉर्पोरेट सेक्टर में अपने कर्मचारियों पर लागू किया जाता है। यही तरीका बीसीसीआई भी अपना सकती है। सुझाई गए इस नए सिस्टम के अनुसार, यदि किसी खिलाड़ी का प्रदर्शन अच्छा नहीं है तो इसका असर खिलाड़ी की कमाई पर पड़ेगा।

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सूत्र ने बताया, "दिए गए सुझावों में से एक यह था कि खिलाड़ियों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए और यदि उनका प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं पाया जाता है, तो उनके वेतन में कटौती की जानी चाहिए।" पिछले साल ही बीसीसीआई ने अपने टेस्ट खिलाड़ियों के लिए इंसेटिव स्कीम (Test Cricket Incentive Scheme) को शुरू किया था। इसके अनुसार 2022-23 से एक सत्र में 50 प्रतिशत से अधिक टेस्ट मैचों की प्लेइंग इलेवन में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को प्रति मैच 30 लाख रुपये का वित्तीय प्रोत्साहन मिलेगा।

वहीं, एक सत्र में कम से कम 75 प्रतिशत मैच या इससे अधिक मैचों में टीम इंडिया के लिए प्लेइंग इलेवन में शामिल होने वाले प्रत्येक खिलाड़ी के लिए भुगतान बढ़कर 45 लाख रुपये प्रति मैच हो जाएगा। 50 फीसदी से कम मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को कोई भी राशि अतिरिक्त नहीं मिलेगी। यह खेल के सबसे लंबे प्रारूप के लिए बोर्ड द्वारा घोषित 40 करोड़ रुपये के कोष का हिस्सा था और इसे ऐसे समय में खिलाड़ियों को लाल गेंद वाले क्रिकेट की ओर आकर्षित करने के लिए पेश किया गया था, जब टी20 प्रारूप और इंडियन प्रीमियर लीग बहुत आकर्षक प्रस्ताव बन गए हैं।

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शनिवार को हुई समीक्षा बैठक में चर्चा किए गए अन्य मुद्दों में यह भी सामने आया कि कुछ खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट को कम महत्व दे रहे हैं और इसके लिए इंटेंट नहीं दिखा रहे। वे सफेद गेंद के प्रारूपों को प्राथमिकता दे रहे हैं। टीम प्रबंधन को लगता है कि बोर्ड को इस मुद्दे को संबोधित करने की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अगली पीढ़ी टेस्ट क्रिकेट और भारत के टेस्ट कैप के महत्व को समझे। भारतीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट में पिछले कुछ महीने खराब रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में 10 साल टेस्ट सीरीज हारने से पहले भारत का घर पर 12 साल से 18 सीरीज जीतने का सिलसिला भी न्यूजीलैंड के खिलाफ टूट गया था।

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