Hindi Newsछत्तीसगढ़ न्यूज़सुकमाchhattisgarh village enjoy first time voting after independence

आजादी के बाद पहली बार डाले गए वोट, खूंखार नक्सली नेता से जुड़ा है छत्तीसगढ़ का यह गांव

छत्तीसगढ़ के एक गांव में आजादी के बाद पहली बार वोट डाले गए। इस गांव का नाता खूंखार नक्सली नेता से रहा है। पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग कर गांव के लोग काफी खुश दिखे। राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में इस गांव में वोट डाले गए।

Subodh Kumar Mishra लाइव हिन्दुस्तान, रायपुरSun, 23 Feb 2025 08:32 PM
share Share
Follow Us on
आजादी के बाद पहली बार डाले गए वोट, खूंखार नक्सली नेता से जुड़ा है छत्तीसगढ़ का यह गांव

छत्तीसगढ़ के एक गांव में आजादी के बाद पहली बार वोट डाले गए। इस गांव का नाता खूंखार नक्सली नेता से रहा है। पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग कर गांव के लोग काफी खुश और उत्साहित दिखे।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के पूवर्ती गांव में पहली बार मतदान देखा गया। यह गांव खूंखार नक्सली नेता हिड़मा का पैतृक स्थान है। देश की आजादी के बाद पहली बार यहां चुनाव हुआ है। इस चुनाव के दौरान ग्रामीणों में भारी उत्साह और आशा का माहौल देखा गया। ग्रामीणों ने पहली बार अपने वोटिंग का उपयोग किया।

बता दें कि सुकमा जिले का यह इलाका वर्षों से नक्सलवाद से प्रभावित रहा है। यहां के निवासी कई बार नक्सलियों के आतंक के कारण चुनावों से दूर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन को लगातार प्रयासों से इलाके की स्थिति को बदलने में सफलता मिली है। पिछले एक साल में पुलिस नक्सली मुठभेड़ से माओवादी घबराए हुए हैं। ग्रामीण अब बदलाव महसूस कर रहे हैं। हिड़मा लाखों रुपए का इनामी नक्सली है।

पहली बार पूवर्ती गांव में चुनाव

पूवर्ती गांव में यह चुनाव ऐतिहासिक माना जा रहा है। यह गांव अब तक किसी भी चुनाव का हिस्सा नहीं रहा था। उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा में कहा कि सुरक्षा बलों के विशेष प्रयासों से इस बार मतदान में भाग लेने के लिए गांववासियों का उत्साह देखा जा सकता था, जो पहले किसी भी प्रकार के चुनावों से दूर रहे थे।

ग्रामीणों ने जताया उत्साह

पूवर्ती गांव के ग्रामीणों ने इस चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यह न केवल उनके लोकतांत्रिक अधिकार की विजय है, बल्कि यह नक्सलवाद के खिलाफ उनके संघर्ष का भी प्रतीक है। गांववासियों का कहना था कि यह पहला मौका है जब वे अपनी आवाज उठा सकते हैं और अपने भविष्य के लिए एक ठोस कदम उठा सकते हैं। चुनाव में मतदान का उत्साह यह साबित करता है कि अब इन इलाकों में नक्सलवाद का असर कम हो चुका है और लोग अपने भविष्य के लिए संजीदगी से मतदान कर रहे हैं।

सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की भूमिका

पूवर्ती गांव और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तगड़ी व्यवस्था की गई थी। नक्सलियों से खतरे के बावजूद, पुलिस और सुरक्षाबलों ने यह सुनिश्चित किया कि चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो। प्रशासन और सुरक्षाबलों के समन्वय से यह सुनिश्चित किया गया कि किसी प्रकार की हिंसा या उपद्रव की स्थिति उत्पन्न न हो।

ये भी पढ़ें:छत्तीसगढ़ में सातों दिन और 24 घंटे खुली रहेंगी दुकानें, BJP सरकार ने लिया फैसला
ये भी पढ़ें:छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक में कई फैसले; किसानों के लिए बड़ा ऐलान

लोकतंत्र की नई शुरुआत

इस घटना ने यह साफ कर दिया कि जब प्रशासन और स्थानीय नेतृत्व ईमानदारी से काम करते हैं, तो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हो सकती हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लगातार प्रयासों से इस क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष को नई दिशा मिली है। पूवर्ती गांव में मतदान के इस ऐतिहासिक दिन को छत्तीसगढ़ में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की एक नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

अमित शाह और विजय शर्मा पहुंचे थे इस गांव में

नक्सली हिड़मा के इस गांव पूवर्ती में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी पहुंचे थे। यहां उन्होंने 3 घंटे से ज्यादा का समय बिताया था। उनसे पहले डिप्टी सीएम विजय शर्मा भी पहुंचे थे। नक्सलियों के गढ़ में पहुंचने वाले विजय शर्मा पहले मंत्री हैं।

रिपोर्टः संदीप दीवान

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें