छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक में कई फैसले; किसानों के लिए बड़ा ऐलान
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में शनिवार को कैबिनेट की बैठक में बड़े फैसले लिए गए। विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट…
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छत्तीसगढ़ की कैबिनेट ने बड़े फैसले किए हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में शनिवार को कई बड़े फैसले लिए गए। कैबिनेट की बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-2025 के तृतीय अनुपूरक अनुमान को मंजूरी दी गई। विधानसभा में पेश करने के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2025 के प्रारूप को मंजूरी दी गई। यही नहीं कैबिनेट ने राज्य के किसानों को नए उन्नत किस्मों और गुणवत्ता युक्त बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक फैसले को मंजूरी दी।
कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ राज्य भंडारण क्रय नियम-2002 के नियम 4 में छूट प्रदत्त संस्थाओं की सूची में विस्तार करने का निर्णय लिया। इस फैसले से किसानों को नए उन्नत किस्मों और गुणवत्ता युक्त बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में मदद मिलेगी। इसके तहत सर्वप्रथम बीज का उत्पादन बीज निगम की ओर से राज्य के रजिस्टर्ड बीज उत्पादक किसानों से किया जाएगा।
इसके बाद किसानों के लिए आपूर्ति के लिए राज्य की बीज उत्पादक सहकारी समितियों, भारत सरकार एवं राज्य सरकार के बीज उत्पादन करने वाले उपक्रमों, नाफेड, मध्य प्रदेश बीज महासंघ की समितियां, भारत सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं में इम्पैनल्ड सेंट्रल नोडल सीड एजेंसी के रूप में चयनित संस्थाओं को बीज निगम द्वारा जारी ऑफर लेटर में से न्यूनतम मूल्य प्रस्तुत करने वाली संस्था या एजेंसी से किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। यही नहीं कैबिनेट ने विधानसभा सत्र के लिए राज्यपाल के अभिभाषण को भी मंजूरी प्रदान की। खरीफ सीजन 2024-25 के लिए समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीद का भुगतान करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ को स्वीकृत अतिरिक्त शासकीय प्रत्याभूति राशि 3300 करोड़ रुपए को मंजूरी दी गई।
कैबिनेट ने बैंक गारंटी से संबंधित दस्तावेजों पर स्टांप शुल्क की दरों के निर्धारण के लिए भारतीय स्टाम्प अधिनियम-1899 (छत्तीसगढ़ संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप को भी मंजूरी दी। बैठक में छत्तीसगढ़ कैडर के भारतीय वन सेवा के 30 साल की जरूरी सेवा पूरी कर चुके 1992 से 1994 बैच तक के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद पर तैनात अधिकारियों को गैर कार्यात्मक आधार पर यथास्थान प्रधान मुख्य वन संरक्षक के समकक्ष स्केल देने के लिए जरूरी पदों के सृजन का निर्णय लिया।
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