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UGC : राजस्थान की एक और यूनिवर्सिटी के PhD कोर्स पर रोक, देखें बैन किए विश्वविद्यालयों की लिस्ट

  • जेजेटीयू विश्वविद्यालय शैक्षणिक सत्र 2025-2026 से 2029-30 के दौरान शोधार्थियों को पीएचडी कोर्स में एडमिशन नहीं दे सकेगा।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तानThu, 13 Feb 2025 05:02 PM
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UGC : राजस्थान की एक और यूनिवर्सिटी के PhD कोर्स पर रोक, देखें बैन किए विश्वविद्यालयों की लिस्ट

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने तय नियमों के मुताबिक पीएचडी न कराने को लेकर राजस्थान की एक और यूनिवर्सिटी का पीएचडी कोर्स 5 साल के लिए बैन कर दिया है। इस बार यूजीसी ने श्री जगदीशप्रसाद झाबरमल टिबरेवाला विश्वविद्यालय (जेजेटीयू) चुडेला, झुंझुनूं के पीएचडी कोर्स पर रोक लगा दी है। यह विश्वविद्यालय शैक्षणिक सत्र 2025-2026 से 2029-30 के दौरान शोधार्थियों को पीएचडी कोर्स में एडमिशन नहीं दे सकेगा। यह संस्थान अगले पांच सालों तक नए पीएचडी एडमिशन नहीं ले सकेगा। यूजीसी ने इससे पहले ओपीजीएस विश्वविद्यालय चूरू, सनराइज विश्वविद्यालय अलवर और सिंघानिया विश्वविद्यालय झुंन्झुनूं पर पीएचडी दाखिले को लेकर रोक लगाई थी।

राजस्था के इन सभी विश्वविद्यालयों को पीएचडी डिग्री की क्वालिटी और विश्वसनीयता से समझौता करता पाया गया। देखें लिस्ट-

- चुरु की ओपीजेएस यूनिवर्सिटी

- अलवर की सनराइज यूनिवर्सिटी

- झुंझुनूं की सिंघानिया यूनिवर्सिटी

- झुंझुनूं की जेजेटीयू यूनिवर्सिटी

यूजीसी के इस फैसले की सूचना जेजेटीयू को दे दी गई है। साथ ही यह भी कहा गया है कि वो तुरंत पीएचडी में दाखिला देने की प्रक्रिया रोक दे।

यूजीसी ने कहा कि यह सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक कड़ा संदेश है कि शैक्षणिक नियम कायदों का सख्ती के साथ पालन यूजीसी के लिए अनिवार्य है। इस संबंध में यूजीसी ने नोटिस सार्वजनिक रूप से जारी कर दिया है। इसके अलावा विश्वविद्यालयों को भी अलग से इस निर्णय के बारे में बता दिया गया है।

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यूजीसी ने नोटिस जारी कहा, 'विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर एक स्टैंडिंग कमिटी का गठन किया गया था जिसका काम यह चेक करना था कि विश्वविद्यालयों में पीएचडी डिग्री नियमों के मुताबिक कराई जा रही है या नहीं। इस कमिटी का काम सुधारों का सुझाव देना और गड़बड़ कर रही यूनिवर्सिटी के खिलाफ एक्शन की सिफारिश करना था। जांच के बाद कमिटी ने पाया का कि जेजेटीयू पीएचडी डिग्री कराने में यूजीसी के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इन विश्वविद्यालय को स्पष्टीकरण देने का मौका दिया गया कि वे पीएचडी कराने में यूजीसी की गाइडलाइंस का पालन क्यों नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि इनकी सफाई संतोषजनक नहीं लगी। इसके बाद स्टैडिंग कमिटी ने यूनिवर्सिटी पर पीएचडी एडमिशन लेने से पांच साल के बैन की सिफारिश की।

पीएचडी में एडमिशन से पहले मान्यता चेक कर लें स्टूडेंट्स

यूजीसी ने पीएचडी करना चाह रहे स्टूडेंट्स को आगाह करते हुए कहा है कि आयोग भावी छात्रों और उनके परिवारों से आग्रह करता है कि वे डॉक्टरेट की पढ़ाई के लिए विश्वविद्यालय का चयन करते समय उचित सावधानी बरतें। आवेदन करने से पहले कोर्स और संस्थान की यूजीसी से मान्यता चेक कर लें। यूजीसी यह सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है कि पीएचडी की डिग्री जेनुअन व उत्कृष्ट शोध वाली हो।

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