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HSSC और HPSC को भंग कर सरकारी भर्ती घोटालों पर श्वेत-पत्र जारी करे खट्टर सरकार: कुमारी सैलजा

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष ने सोमवार को प्रदेश की मनोहर लाल खट्टर से भर्ती घोटालों पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग के साथ कहा कि हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन और हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन को भंग कर...

Pankaj Vijay एजेंसी, चंडीगढ़Mon, 22 Nov 2021 10:55 AM
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हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष ने सोमवार को प्रदेश की मनोहर लाल खट्टर से भर्ती घोटालों पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग के साथ कहा कि हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन और हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन को भंग कर देना चाहिए। सैलजा ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी - जननायक जनता पार्टी सरकार के संरक्षण में हो रहे इन घोटालों के कारण बार-बार भर्तियां रद्द करनी पड़ रही हैं और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि पिछले सात सालों (खट्टर के कार्यकाल) में इतनी भर्तियां नहीं हुईं, जितने भर्ती घोटाले हुए हैं। उन्होंने कहा कि तीन दर्जन के करीब पेपर लीक हो चुके हैं। एचएसएससी के पूर्व तथा मौजूदा चेयरमैन भर्ती घोटालों को लेकर विवादों में घिरते रहे हैं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री का उनके खिलाफ कार्रवाई न करना इस बात का प्रमाण है कि हरियाणा में हो रहे भर्ती घोटालों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने मांग की कि एचपीएससी व एचएसएससी कमीशन को भंग करके नए कमीशन गठित होने चाहिए और सभी विवादित भर्ती परीक्षाएं दोबारा करवाई जाएं, ताकि हरियाणा के शिक्षित बेरोजगारों को न्याय मिल सके।

कांग्रेस नेता ने कहा कि विजीलेंस ब्यूरो के एचपीएससी के डिप्टी सेक्रेटरी व अन्य को गिरफ्तार किए जाने के बावजूद सरकार की चुप्पी इस बात का प्रमाण है कि हरियाणा में नौकरियां नीलाम करने में सरकार के करीबी लोग शामिल हैं।
   
उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से पिछले सात सालों में हुई भर्तियों पर श्वेत-पत्र जारी करने की मांग करते हुए कहा कि वह प्रदेशवासियों को बताएं कि उनके कार्यकाल के दौरान कितनी भर्तियों को अदालत में चुनौती दी गई है, सरकार ने किस विभाग में कितनी भर्तियां की हैं और कितनी बार पेपर लीक होने के कारण भर्तियों को रद्द किया गया है।
कुमारी सैलजा ने एचएसएसएसी तथा एचपीएससी को तुरंत प्रभाव से भंग करने की मांग करते हुए कहा कि इस समय यह दोनों संस्थान अपनी विश्वसनीयता गंवा चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में कार्रवाई करने वाले प्रदेश के मुखिया चुप है, ऐसे में राज्यपाल को मीडिया में आ रही खबरों और विजीलेंस कार्रवाई का स्वत: संज्ञान लेते हुए दोनों संस्थानों को भंग करके भर्ती घोटालों की सिटिंग जज से जांच करवानी चाहिए।

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