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‘हिन्दुस्तान ओलंपियाड’ ने फिर रचा इतिहास, देशभर के विजेता छात्र सम्मानित

‘हिन्दुस्तान ओलंपियाड-2023’ के विजेता छात्रों की घोषणा शुक्रवार को हुए ऑनलाइन लाइव कार्यक्रम में की गई। इसी के साथ ही इस साल का ओलंपियाड संपन्न हो गया। यह इसका आठवां संस्करण था, जो बेहद सफल साबित हुआ।

Alakha Ram Singh कार्यालय संवाददाता, नई दिल्लीFri, 28 April 2023 05:29 PM
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‘हिन्दुस्तान ओलंपियाड-2023’ के विजेता छात्रों की घोषणा शुक्रवार को हुए ऑनलाइन लाइव कार्यक्रम में की गई। इसी के साथ ही इस साल का ओलंपियाड संपन्न हो गया। यह इसका आठवां संस्करण था, जो बेहद सफल साबित हुआ। कार्यक्रम में शिक्षा जगत से जुड़ी कई हस्तियां उपस्थित रहीं, जिन्होंने अपने अनुभव ऑनलाइन जुड़े हजारों छात्रों के साथ साझा किए और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। पिछले सात वर्षों की तरह ‘हिन्दुस्तान ओलंपियाड-2023’ को भी हजारों
छात्रों, स्कूलों और अभिभावकों का जबरदस्त समर्थन मिला। आयोजकों ने भी इसे शानदार तरीके से अंजाम तक पहुंचाया। इसके लिए छात्रों की सुविधा का हर तरह से ध्यान रखते हुए पहले और दूसरे स्तर की परीक्षाका आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत ‘हिन्दुस्तान’ के सेल्स और सर्कुलेशन के असिस्टेंट वाइस प्रेजिडेंट लक्ष्मीकांत दुबे के प्रस्तावना वक्तव्य से हुई। उन्होंने ‘हिन्दुस्तान ओलंपियाड’ के सफल आयोजन के लिए सभी सहयोगियों का धन्यवाद दिया और कहा कि मेहनत की छलांग हमेशा लंबी होती है। ‘हिन्दुस्तान ओलंपियाड’ को शुरू करने का उद्देश्य छात्रों को एक ऐसा मंच प्रदान करना था, जिसकी मदद से उनका सर्वांगीण शैक्षणिक विकास हो सके। इसके साथ ही उनमें हर स्थिति से मुकाबला करने का नया नजरिया विकसित हो सके। उन्होंने सभी अथितियों का भी आभार प्रकट किया। ‘हिन्दुस्तान ओलंपियाड’की शुरुआत 2015 में हुई थी। इसका आयोजन एचटी मीडिया लिमिटेड द्वारा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड,दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और चंडीगढ़ में किया जाता है।

इस वर्ष ऐसा रहा प्रदर्शन:
- राज्य टॉपरों की संख्या-124
- जिला टॉपरों की संख्या-1541
- 50 लाख रुपये की स्कॉलरशिप दी जा रही है वर्ष 2023 में
- 5000 से ज्यादा स्कूलों ने की भागीदारी
- 1,50,000 से ज्यादा छात्र हुए शामिलराज्य के अनुसार घोषित की गई टॉपर की संख्या:
राज्य संख्या-
बिहार 18
उत्तर प्रदेश 18
झारखंड 16
उत्तराखंड 16
हरियाणा 13
दिल्ली 17
महाराष्ट्र/मुंबई 16
पंजाब/चंडीगढ़ 10

आंकड़े
31 हजार से ज्यादा स्कूल कर चुके हैं ओलंपियाड में भागीदारी
13 हजार 500 के करीब छात्र हो चुके हैं सम्मानित
12 लाख से ज्यादा छात्र शामिल हो चुके हैं इस परीक्षा में
03 करोड़ रुपये की दी जा चुकी है स्कॉलरशिप विजेता छात्रों को

जिला टॉपर से संपर्क
कार्यक्रम में राज्यों में टॉप करने वाले छात्रों के नामों की घोषणा की
गई। जिले के टॉपरों से अलग से संपर्क किया जाएगा और एसएमएस
और व्हाट्सएप से जानकारी दी जाएगी।

यहां करें संपर्क
- किसी भी शंका के समाधान के लिए संपर्क कर सकते हैं:
- 9513319722 पर कॉल करें
- हमें ईमेल करें निम्नलिखित आईडी पर:
support@ht-school.com

सभी अतिथियों ने छात्रों से साझा किए अनुभव:
‘जीतने से ज्यादा अनुभव हासिल करना जरूरी’ बच्चे देश के भविष्य की नींव हैं और इसे मजबूती देने में माता-पिता, स्कूल और समाज की अहम जिम्मेदारी है। इस दिशा में ‘हिन्दुस्तान ओलंपियाड’ एक सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। जीवन के किसी भी इम्तिहान में जीतने से ज्यादा उसमें प्रतिभागी बनना ज्यादा जरूरी है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक डॉ संयक भारद्वाज ने कहा, "इससे जो अनुभव मिलता है, वो जिंदगी के हर पड़ाव पर काम आता है। ओलंपियाड में प्रतिभागी बनकर छात्र अपना खुद का आकलन कर सकते हैं। छात्र अगर किसी क्षेत्र में कमजोर हैं तो उस पर मेहनत कर उसे दुरुस्त कर सकते हैं। इससे छात्रों का भविष्य सुनहरा बनेगा।"

‘ओलंपियाड ने आगे की तैयारी का अवसर दिया’
‘हिन्दुस्तान ओलंपियाड’ ने स्कूली बच्चों को जीवन में कुछ करने के लिए नया नजरिया प्रदान किया है और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है। मेरी दृष्टि में पूरी जिंदगी ओलंपियाड जैसी होती है, जहां लगातार मुकाबला करना पड़ता है। यदि कॉलेज स्तर पर सफलता प्राप्त करनी है तो इसकी तैयारी स्कूल से करनी होगी। इसमें तकनीक की भी मदद लेनी होगी। सिर्फ स्कूल स्तर पर काम नहीं चलेगा। विशेषज्ञों को भी आगे आना होगा। ‘हिन्दुस्तान ओलंपियाड’ ने यह अवसर बच्चों को दिया है।
-बी.आर. महेश्वर चैतन्य, निदेशक (प्रवेश), अमृता यूनिवर्सिटी

पढ़ाई के तरीकों में आए बदलाव से फायदा होगा’
‘हिन्दुस्तान ओलंपियाड’ ने स्कूली बच्चों को भविष्य की तैयारी करने का शानदार अवसर प्रदान किया है। बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए सभी हाथ मिला रहे हैं और हम भी इस मुहिम के सहयोगी बने हैं। जिस तरह से तकनीकी स्तर पर लगातार प्रगति हो रही है, हमें भी स्कूलों को इससे जोड़ना होगा और क्लासरूम वातावरण से एक कदम आगे निकलकर मशीन लर्निंग और एआई पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करना होगा। इससे बच्चों की तकनीकी दक्षता विकसित होगी। इसकी मदद से स्कूलों में पढ़ाने के तरीकों में भी बदलाव आएगा। इसका सीधा फायदा छात्रों को होगा। - प्रवीण गडल्ली, निदेशक, स्पीडलैब्स

‘लगातार सीखते रहने से सफलता जरूर मिलेगी’ हर उम्र में लगातार कुछ ना कुछ सीखना जरूरी है। इससे आप जिंदगी के हर मोड़ पर सफलता सुनिश्चित कर सकते हैं। खासकर स्कूली स्तर पर, जहां बच्चों का भविष्य तैयार किया जाता है। पाठ्यक्रम के अलावा अन्य गतिविधियों में शिरकत करना जरूरी है। इससे व्यक्तित्व और मानसिक विकास में खूब मदद मिलती है। ‘हिन्दुस्तान ओलंपियाड’ स्कूल स्तर से इतर आगे सोचने की क्षमता विकसित करता है। छात्र हर समस्या के समाधान में सक्षम बनता है। ‘हिन्दुस्तान’ की पहल में सहयोगी बनकर गर्व महसूस हो रहा है। - स्वाति जैन, एडिटर-इन-चीफ एवं एडिटोरियल निदेशक, ओसवाल बुक्स   

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