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Hindi Newsकरियर न्यूज़BTech : 90 percentile in JEE Main but not 75 percent marks in 12th IIT iiit nit jee advanced dream shattered

BTech : JEE Main में 90 परसेंटाइल लेकिन 12वीं में 75 प्रतिशत अंक नहीं, टूटा इन सैंकड़ों छात्रों का सपना

JEE में 90 परसेंटाइल से अधिक, लेकिन 12वीं में 75 फीसदी अंक भी नहीं आए। 12वीं रिजल्ट ने जेईई पास करने वाले छात्रों का भी भविष्य लटका दिया है। सैकड़ों छात्रों के 12वीं में 75 फीसदी से कम अंक आए हैं।

Pankaj Vijay प्रमुख संवाददाता, मुजफ्फरपुरThu, 23 May 2024 03:03 AM
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जेईई मेन में 90 परसेंटाइल से अधिक, लेकिन 12वीं में 75 फीसदी अंक भी नहीं आए। 12वीं बोर्ड के रिजल्ट ने जेईई पास करने वाले छात्रों का भी भविष्य लटका दिया है। जेईई मेन क्लियर कर चुके सैकड़ों छात्रों के 12वीं में 75 फीसदी से कम अंक आए हैं। जेईई एडवांस्ड में शामिल होने को 12वीं बोर्ड में 75 फीसदी अंक लाने की बाध्यता है। बड़ी संख्या में ऐसे विद्यार्थी भी हैं, जिन्हें एक या दो विषय में कंपार्टमेंटल भी लगा है। सैकड़ों छात्रों का भविष्य इसकी वजह से अटक गया है। पुनर्मूल्यांकन को लेकर इन छात्रों ने आवेदन किया है। ऐसे छात्र जिन्हें 12वीं बोर्ड में 75 फीसदी से कम अंक मिले हैं, वे एडवांस में शामिल नहीं हो पाएंगे। सूबे में ऐसे छात्रों की संख्या सैंकड़ों में है। केवल मुजफ्फरपुर में ऐसे छात्रों की संख्या 500 से अधिक है।

अधिकांश के केमेस्ट्री और मैथ में आए कम अंक ऐसे छात्र जो जेईई में 90 परसेंटाइल से अधिक लाए हैं मगर 12वीं में 60 से 65 फीसदी अंक ही ला पाए हैं, उनमें अधिकांश के केमेस्ट्री और मैथ में कम अंक आए हैं। सीबीएसई स्कूल संगठन सहोदय के सचिव सतीश कुमार झा ने बताया कि ऐसे बच्चों की संख्या 200 से अधिक है। मैथ में तो ग्रेस अंक मिला मगर अन्य विषय में नहीं। ये बच्चे अगर बेटरमेंट में रिजल्ट सुधार पाए तभी जेईई में बैठने का मौका मिलेगा अन्यथा एक साल इनका बर्बाद जाएगा। रेगुलर कक्षा नहीं करने वाले के रिजल्ट में ज्यादा दिक्कत इस तरह की देखी जा रही।

बच्चे हताशा के शिकार मिठनपुरा के छात्र को जेईई में 94 परसेंटाइल आया था। 12वीं में 70 फीसदी अंक है। पिता राकेश कहते हैं कि स्कूल के शिक्षकों ने काफी समझाया, लेकिन वह काफी हताश है। कहता है कि अब परीक्षा ही नहीं देगा। कलमबाग चौक की छात्रा को भी 12वीं में 65 फीसदी अंक आए हैं जबकि स्कूल में उसका रिजल्ट हमेशा 90 फीसदी से ऊपर होता था। काउंसलर डॉ. कुमार कहते हैं कि इन बच्चों ने पुनर्मूल्यांकन को आवेदन दिया है।

कॉपियों की जांच पर भी उठाये जा रहे सवाल
सीबीएसई के काउंसलर डॉ. प्रमोद कुमार कहते हैं कि कॉपी जांच में अनुभवी शिक्षकों को लगाया जाता है, जबकि पिछले साल स्कूलों से 50 फीसदी से अधिक शिक्षक सरकारी स्कूलों में चले गए। ऐसे में एक साल के अनुभव वाले शिक्षक भी लगाए गए।

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