रोजगार मेले में कम पढ़े-लिखे लोगों को मिल रही ज्यादा नौकरियां, PhD वालों को सिर्फ 0.01 फीसदी जॉब
- नेशनल कॅरियर सर्विस पोर्टल से खुलासा हुआ है कि बिहार समेत देशभर में अधिक पढ़े-लिखे लोगों को रोजगार पाने में परेशानी हो रही है। कम शिक्षितों के लिए अधिक रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं।
बिहार समेत देशभर में अधिक पढ़े-लिखे लोगों की तुलना में कम शिक्षितों के लिए अधिक रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। केंद्र या राज्य सरकार की ओर से लगाए जाने वाले रोजगार मेले (जॉब फेयर) में सामान्य डिग्रीधारियों को अधिक रोजगार मिल रहे हैं। वहीं उच्च शिक्षा ले रखे लोगों के लिए इन मेलों में रोजगार के मौके कम सृजित हो रहे हैं। नेशनल कॅरियर सर्विस पोर्टल पर उपलब्ध रोजगार से यह खुलासा हुआ है। पोर्टल के अनुसार, जून से अगस्त के बीच देश में 12 लाख 99 हजार 203 रोजगार के अवसर सृजित हुए। जून में मात्र एक लाख 23 हजार 806 तो जुलाई में एक लाख 70 हजार 730 रोजगार के अवसर सृजित हुए।
वहीं अगस्त में 10 लाख चार हजार 667 रोजगार के अवसर सृजित हुए। इनमें सबसे अधिक 12वीं पास लोगों को रोजगार का मौका मिला। आंकड़ों के अनुसार 12वीं पास लोगों के लिए आठ लाख 81 हजार 870 रोजगार के मौके बने। कुल सृजित रोजगार का यह 67.88 फीसदी है। इसके बाद मात्र नौवीं पास लोगों के लिए रोजगार का अवसर सृजित हुआ है। नौवीं पास लोगों के लिए एक लाख 60 हजार 737 के रोजगार के अवसर सृजित हुए। कुल रोजगार का यह 12.37 फीसदी है।
दसवीं पास के लिए 92 हजार 560 रोजगार के मौके बने। कुल रोजगार अवसर का यह 7.12 फीसदी है। स्नातक वालों के लिए 89 हजार 857 रोजगार के अवसर पैदा हुए, जो कुल रोजगार का यह 6.92 फीसदी है। स्नातकोत्तर पास के लिए 20 हजार 978 रोजगार थे, जो कुल रोजगार का यह 1.61 फीसदी है। आईटीआई उत्तीर्ण के लिए 27 हजार 640 रोजगार के अवसर सृजित हुए। कुल रोजगार का यह 2.13 फीसदी है। दसवीं के साथ ही डिप्लोमा करने वालों के लिए मात्र 3556 रोजगार के अवसर सृजित हुए और कुल का यह मात्र 0.22 फीसदी है। इसी तरह 12वीं के बाद डिप्लोमा करने वालों के लिए 7691 रोजगार के अवसर सृजित हुए। कुल रोजगार का यह 0.59 फीसदी है।
पीएचडी वालों के लिए मात्र 170 रोजगार के अवसर
पीएचडी डिग्रीधारियों के लिए मात्र 170 रोजगार के अवसर सृजित हुए। कुल का यह मात्र 0.01 फीसदी है। पीजी डिप्लोमा पास वालों के लिए 5670 अवसर सृजित हुए। यह कुल रोजगार का 0.44 फीसदी है। जो निरक्षर हैं, यानी कभी स्कूल नहीं गए, वैसे लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। ऐसे 8474 लोगों के लिए अवसर सृजित हुए जो कुल का 0.65 फीसदी है।
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