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Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़You will not need any expert to file ITR preparations are on to bring a new income tax law

ITR फाइल करने के लिए नहीं पड़ेगी किसी एक्सपर्ट की जरूरत, नया आयकर कानून लाने की तैयारी

  • ITR Filing: नया अधिनियम लागू होने के बाद कर से जुड़े विवाद और मुकदमेबाजी कम होगी, जिससे करदाताओं को कर निश्चितता मिलेगी।

Drigraj Madheshia नई दिल्ली, हिन्दुस्तान ब्यूरो।Fri, 26 July 2024 01:03 AM
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पर्सनल लोन

ITR Filing: केंद्र सरकार नया आयकर कानून (New Income tax Law) लाने जा रही है। इसे करदाताओं के लिए बेहद सरल, आसानी से समझने वाली भाषा और सहज उपयोग की दृष्टि से तैयार किया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि टैक्सपेयर्स किसी विशेषज्ञ की मदद लिए बिना टैक्स विवाद जुड़े मामलों को समझ पाएंगे और उसका निराकरण करा सकेंगे। इसके साथ ही उनके लिए बिना मदद सभी तरह के आयकर रिटर्न फॉर्म भरना भी आसान हो जाएगा।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बताया कि नया आयकर कानून छह माह में आ जाएगा। हमारा प्रयास है कि हम नए अधिनियम को सरल बना सकें, जिस भाषा की दृष्टि से समझने में आसानी हो, प्रस्तुतीकरण की दृष्टि से भी सरल हो ताकि करदाता स्वयं इसके प्रावधानों को देखकर सहज महसूस करें और यह अधिक उपयोगकर्ता अनुकूल हो। गौरतलब है कि बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर कानून की व्यापक समीक्षा करने का ऐलान किया था।

मुकदमों में कमी आएगी

अग्रवाल ने कहा कि कानून की समीक्षा करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रौद्योगिकी कर प्रशासन का अभिन्न अंग बन गई है। हमें यह भी देखना होगा कि खामियां कहां हैं और हम वास्तव में प्रौद्योगिकी को अधिनियम के प्रावधानों के साथ कैसे जोड़ सकते हैं। नया अधिनियम लागू होने के बाद कर से जुड़े विवाद और मुकदमेबाजी कम होगी, जिससे करदाताओं को कर निश्चितता मिलेगी।

इसलिए पड़ी नए कानून की जरूरत

अग्रवाल के मुताबिक, आयकर अधिनियम-1961 में समय के साथ कई अतिरिक्त चीजें जुड़ी हैं, जिससे यह बोझिल और भारी हो गया है। करदाताओं को भी लगता है कि यह अधिनियम उतना सरल नहीं है, जितना होना चाहिए। मौजूदा आयकर अधिनियम में अभी 298 धाराएं, 23 अध्याय और अन्य प्रावधान शामिल हैं। किसी सामान्य करदाता के लिए आयकर कानून की धाराओं को समझना आसान नहीं है। किसी तरह का आयकर से जुड़ा विवाद होने पर उसे किसी विशेषज्ञ की सलाह और मदद लेनी ही पड़ती है।

अभी मुकदमों की भरमार

गौरतलब है कि आयकर कानून-1961 की कुछ धाराओं के चलते देश में आयकर से जुड़े मुकदमों की भरमार है। जुलाई 2022 के आंकड़ों के मुताबिक, आयकर ट्रिब्यूनल के पास आयकर के 50 लाख रुपये तक के विवाद से जुड़े 47,940 मामले लंबित थे। इस से ज्यादा बड़ी रकम के मामले में अदालत जाना पड़ता है। वहां भी करीब हजारों मामले विभिन्न अदालतों में लंबित हैं।

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