5 बड़ी वजहों ने शेयर बाजार को पीछे ढकेला, निवेशकों को लगातार हो रहा नुकसान
- Stock Market Crashed: शेयर बाजार में लगातार 6वें कारोबारी दिन को गिरावट देखने को मिला है। सेंसेक्स और निफ्टी अपने रिकॉर्ड हाई से 10-10 प्रतिशत की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है। बता दें, सितंबर के महीने में बाजार रिकॉर्ड हाई पर था।
Why Stock Market Falling: शेयर बाजार में गिरावट के सिलसिले पर आज सुबह थोड़ी देर के लिए ब्रेक लग गया था। लेकिन स्टॉक मार्केट उस बढ़त को बरकरार रखने में सफल नहीं रहा। वैश्विक ट्रेंड्स, डॉलर इंडेक्स में इजाफा, रुपये का कामजोर होना और विदेशी निवेशकों की निकासी के दबाव में स्टॉक मार्केट आज फिर बिखर गया। सेंसेक्स 266 अंक या फिर 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ दिन में 77,424.81 के लो लेवल पर आ गया। वहीं, निफ्टी 116.25 अंक की गिरावट के साथ 23,486.10 पर अंक पर आ गया था।
सेंसेक्स और निफ्टी अपने रिकॉर्ड हाई से 10 प्रतिशत तक लुढ़क गए हैं। महज 6 कारोबारी दिन के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में 4 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिल चुकी है। आइए विस्तार से समझते हैं शेयर बाजार में इस भारी भरकम गिरावट की वजह -
घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट की 5 बड़ी वजहें -
1- डॉलर के मुकाबले कमजोर होता रुपया
रुपये की स्थिति डॉलर के मुकाबले अच्छी नहीं है। बुधवार को 1 डॉलर की कीमत 84.40 रुपये हो गई थी। एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप के व्हाइट हाउस में वापसी से डॉलर के मुकाबले रुपया और कमजोर हो सकता है। जिसकी वजह से कीमत 8 से 10 प्रतिशत तक घट सकती हैं।
2- डॉलर में इजाफा
डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद डॉलर इंडेक्स में इजाफा देखने को मिला है। नवंबर के महीने में इस इंडेक्स में 1.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है। जुलाई के बाद यह 105.98 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। डॉलर इंडेक्स में इजाफा और यूएस 10 ईयर बॉन्ड यील्ड को 4.42 प्रतिशत तक पहुंचना एक नई टेंशन खड़ा किया है। जिसकी वजह से पैसे का प्रवाह उभरते बाजारों से अमेरिकी बाजार की ओर हुआ है।
3- विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी
घरेलू शेयर बाजार को सबसे बड़ी टेंशन विदेशी संस्थागत निवेशकों ने दी है। मंगलवार तक लगातार 32वें कारोबारी दिनों को विदेशी निवेशकों ने घरेलू बाजार से पैसा निकाला है। इस 364.35 करोड़ रुपये की निकासी हुई। नवंबर 2024 में अबतक 21,911 करोड़ रुपये की निकासी एफआईआई के जरिए हो चुकी है। इससे पहले अक्टूबर के महीने में 1.14 लाख करोड़ रुपये की निकासी हुई थी।
4- ब्याज दरों में कटौती में हो रही देरी
यूएस फेड रिजर्व ने लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में कटौती की है। लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से ब्याज दरों में कटौती का कोई संकेत नहीं मिला है। वहीं, अक्टूबर के महीने में रिटेल और थोक महंगाई आकड़ों ने सेंट्रल बैंक की टेंशन में इजाफा किया होगा। बता दें, अक्टूबर के महीने में जहां रिटेल महंगाई दर 14 महीने के उच्चतम स्तर और खुदरा महंगाई दर 4 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
5- कमजोर तिमाही नतीजे
कंपनियों के लिए सितंबर तिमाही बहुत शानदार नहीं रही है। जिसका भी असर शेयर बाजार पर पड़ रहा है। ब्रोकरेज हाउस जेफरिज के प्रोजेक्शन के अनुसार 121 कंपनियों की कमाई में इस वित्त वर्ष 63 प्रतिशत कम होगी।
(यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश से पहले वेरीफाइड एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें।)
बजट 2024 जानेंHindi News , Business News की लेटेस्ट खबरें, इनकम टैक्स स्लैब Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।