Notification Icon
Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Wholesale inflation is at a low level yet potatoes and onions are rising

थोक महंगाई निचले स्तर पर, फिर भी उछल रहे आलू-प्याज

WPI: थोक महंगाई अगस्त में चार महीने के निचले स्तर 1.31 प्रतिशत पर आ गई। हालांकि, प्याज और आलू की कीमतों में तेजी देखने को मिली।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमWed, 18 Sep 2024 12:11 AM
share Share
पर्सनल लोन

WPI: सब्जियों, खाद्य पदार्थों और ईंधन के सस्ते होने से थोक महंगाई अगस्त में चार महीने के निचले स्तर 1.31 प्रतिशत पर आ गई। हालांकि, प्याज और आलू की कीमतों में तेजी देखने को मिली। सरकार ने मंगलवार को थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किए। जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई दर में भी गिरावट दर्ज की गई। अगस्त में यह 3.11 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 3.45 प्रतिशत थी। सब्जियों की कीमतों में अगस्त में 10.01 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, आलू और प्याज की महंगाई अगस्त में क्रमश 77.96 प्रतिशत और 65.75 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही।

खुदरा महंगाई पर असर

रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा कि हालांकि खरीफ की बुवाई अब तक अच्छी रही है, लेकिन चालू महीने में अतिरिक्त वर्षा से खरीफ की कटाई में देरी हो सकती है। हालांकि, अखिल भारतीय स्तर पर जलाशयों में पर्याप्त भंडारण होने से रबी फसलों की बुवाई में तेजी आने की संभावना है। वहीं बार्कलेज ने कहा कि ऊर्जा और धातु की कीमतों में गिरावट के कारण विनिर्माण लागत में कमी आने से खुदरा महंगाई पर प्रभाव पड़ने का जोखिम कम हो गया है।

 नीतिगत ब्याज दर में कटौती के संकेत

आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने संकेत दिए हैं कि यदि आने वाले दिनों में महंगाई काबू में रहती है तो नीतिगत ब्याज दर में कटौती संभव है। इसका फैसला दीर्घकालिक महंगाई दर के आधार पर ही लिया जाएगा। आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा समिति की बैठक अक्तूबर में होनी है। आरबीआई दिसंबर में होने वाली बैठक में कटौती पर फैसला ले सकता है।

मैन्यूफैक्चरिंग लागत में कमी से मुद्रास्फीति सूचकांक में गिरावट दर्ज हुई

राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान की एसोसिएट प्रोफेसर राधिका पांडेय कहती हैं कि थोक मूल्य सूचकांक में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब 65 फीसदी है, जिसमें टैक्सटाइल, मशीनरी और अन्य तरह का उत्पादन शामिल है। तेल व अन्य तरह की ऊर्जा की कीमतों में कमी के चलते बीते महीने मैन्यूफैक्चरिंग लागत में कमी आई है, जिस कारण से डब्ल्यूपीआई में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में अधिक हिस्सेदारी खाद्य पदार्थों से जुड़े मूल्य की होती है। बीते कुछ महीनों में सीपीआई में भी गिरावट देखी गई है लेकिन उसमें अभी तक बड़ी गिरावट इसलिए नहीं आई है, क्योंकि कहीं न कहीं खाद्य वस्तुओं की कीमतों में अभी तेजी बनी हुई है।

ऐसे आया उतार-चढ़ाव

अगस्त 1.31

जुलाई 2.04

जून 3.36

मई 2.61

अप्रैल 1.26

मार्च 0.26

फरवरी 0.20

● आंकड़े प्रतिशत में

 बजट 2024 जानेंHindi News  ,  Business News की लेटेस्ट खबरें, इनकम टैक्स स्लैब Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।

अगला लेखऐप पर पढ़ें