बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही से संबंधित याचिकाओं पर 17 सितंबर को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
- Byjus Crisis: बायजू ने 2019 में बीसीसीआई के साथ ‘Team Sponsor Agreement’ किया था। कंपनी ने 2022 के मध्य तक अपने दायित्वों को पूरा किया, लेकिन वह 158.9 करोड़ रुपये के बाद के भुगतानों में चूक कर गई।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (NCLT) के फैसले के खिलाफ अमेरिका स्थित ऋणदाता ग्लास ट्रस्ट कंपनी एलएलसी की अपील पर 17 सितंबर को सुनवाई करेगा। एनसीएलएटी ने वित्तीय संकट से घिरी एडूटेक कंपनी बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और बीसीसीआई के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाये के सेटलमेंट को मंजूरी दी थी।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ से बायजू की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एनके कौल ने अनुरोध किया था कि मामले की जल्द सुनवाई किए जाने की जरूरत है। बीसीसीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और बायजू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने इस प्रतिवेदन का समर्थन किया था।
दोनों याचिकाओं पर 17 सितंबर को सुनवाई
कौल ने कहा कि मामले में एक अन्य याचिका भी दायर की गई है, जो 17 सितंबर कै लिए सूचीबद्ध है। इसलिए या तो मौजूदा याचिका पर उसी दिन सुनवाई की जाए या फिर दोनों मामलों की सुनवाई इस शुक्रवार को की जाए। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "हम दोनों याचिकाओं पर 17 सितंबर को सुनवाई करेंगे।"
इससे पहले 22 अगस्त को पीठ ने यह सुनिश्चित करने के लिए अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था कि संकटग्रस्त शिक्षा-प्रौद्योगिकी कंपनी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही के सिलसिले में ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) कोई बैठक नहीं करेगी। अमेरिकी ऋणदाता कंपनी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि इन मामलों की सुनवाई 17 सितंबर को एक साथ की जाए।
इससे पहले 22 अगस्त को पीठ ने वित्तीय संकट से घिरी शिक्षा-प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही जारी रखने के लिए ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) को कोई बैठक नहीं आयोजित करने का अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया था। पीठ ने कहा था कि वह 27 अगस्त को इस मामले में अंतिम सुनवाई करेगी।
एनसीएलएटी के फैसले पर लगा दी थी रोक
बायजू को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को एनसीएलएटी के फैसले पर रोक लगा दी थी। इससे पहले दो अगस्त का अपील अधिकरण का फैसला बायजू के लिए बड़ी राहत लेकर आया था क्योंकि इसने प्रभावी रूप से संस्थापक बायजू रवींद्रन को फिर से नियंत्रण में ला दिया था।
यह मामला बीसीसीआई के साथ एक स्पांसरशिप डील से संबंधित 158.9 करोड़ रुपये के भुगतान में बायजू की चूक से जुड़ा है। कोर्ट ने बीसीसीआई को निर्देश दिया था कि वह बायजू से समझौते के बाद प्राप्त 158 करोड़ रुपये की राशि को अगले आदेश तक एक अलग खाते में रखे।
बायजू ने 2019 में बीसीसीआई के साथ ‘Team Sponsor Agreement’ किया था। कंपनी ने 2022 के मध्य तक अपने दायित्वों को पूरा किया, लेकिन वह 158.9 करोड़ रुपये के बाद के भुगतानों में चूक कर गई।
बजट 2024 जानेंHindi News , Business News की लेटेस्ट खबरें, इनकम टैक्स स्लैब Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।