ट्रंप ने डूबो दिए भारतीय निवेशकों के ₹46 लाख करोड़, सत्ता में आने के बाद से ही मचा है हड़कंप
- Stock Market Crash: अमेरिका के शुल्क बढ़ाने और चीन की जवाबी कार्रवाई के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई है। सेंसेक्स और निफ्टी भी सोमवार को शुरुआती कारोबार में पांच प्रतिशत से अधिक लुढ़क गए।

Stock Market Crash: अमेरिका के शुल्क बढ़ाने और चीन की जवाबी कार्रवाई के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई है। सेंसेक्स और निफ्टी भी सोमवार को शुरुआती कारोबार में पांच प्रतिशत से अधिक लुढ़क गए। बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 3,939.68 अंक या 5.22 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 71,425.01 अंक पर आ गया। वहीं एनएसई निफ्टी 1,160.8 अंक या 5.06 प्रतिशत फिसलकर 21,743.65 अंक पर रहा। आज मिनटों में निवेशकों के 19 लाख करोड़ रुपये डूब गए। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने जानबूझकर शेयर बाजार में बिकवाली की है। उनका कहना है कि वे निवेशकों की प्रतिक्रिया का अंदाजा नहीं लगा सकते। बता दें कि ट्रंप के गुस्से के कारण भारतीय शेयर निवेशकों की संपत्ति में पहले ही 46 लाख करोड़ रुपये की कमी आ चुकी है। 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद से भारत का मार्केट कैप 20 जनवरी को 4,31,59,726 करोड़ रुपये से 45.57 लाख करोड़ रुपये घटकर आज 3,86,01,961 करोड़ रुपये रह गया है।
क्या है एनालिस्ट की राय
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, "ग्लोबल लेवल पर बाजार अनिश्चितता के कारण अत्यधिक अस्थिरता से गुजर रहे हैं। किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं है कि ट्रंप के टैरिफ के कारण होने वाली यह अशांति कैसे विकसित होगी। बाजार के इस अशांत चरण में इंतजार करें और देखें सबसे अच्छी स्ट्रैटेजी होगी।" विजयकुमार ने कहा कि ट्रंप के तर्कहीन टैरिफ लंबे समय तक जारी नहीं रहेंगे और भारत अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में है क्योंकि भारत का अमेरिका को निर्यात जीडीपी के प्रतिशत के रूप में केवल 2 प्रतिशत के आसपास है और इसलिए, भारत के विकास पर प्रभाव महत्वपूर्ण नहीं होगा। उन्होंने कहा, "भारत अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है और इसके सफल होने की संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप भारत के लिए टैरिफ कम हो जाएंगे।" उन्होंने कहा कि ट्रम्प द्वारा फार्मास्यूटिकल्स पर टैरिफ लगाने की संभावना नहीं है।
ग्लोबल मार्केट में भूचाल
बता दें कि एशियाई बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग करीब 11 प्रतिशत, जापान का निक्की 225 करीब सात प्रतिशत, चीन का शंघाई एसएसई कम्पोजिट छह प्रतिशत से अधिक और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी पांच प्रतिशत की गिरावट में रहा। पिछले सप्ताह सिर्फ दो दिन में अमेरिकी स्टॉक मार्केट में 5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की गिरावट देखी गई।