महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत, थोक मुद्रास्फीति 4 महीने के निचले स्तर पर
- Inflation: महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है। भारत की थोक मुद्रास्फीति फरवरी में 2.38% से घटकर मार्च में 2.05% हो गई। यह चार महीने के निचले स्तर पर आ गई है।

महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है। भारत की थोक मुद्रास्फीति फरवरी में 2.38% से घटकर मार्च में 2.05% हो गई। यह चार महीने के निचले स्तर पर आ गई है। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से पता चला कि थोक मुद्रास्फीति जनवरी में 2.38 प्रतिशत की तुलना में सालाना आधार पर मार्च में घटकर 2.05 प्रतिशत रह गई। यह रॉयटर्स पोल में अर्थशास्त्रियों द्वारा लगाए गए 2.5% के अनुमान से कम है।
थोक खाद्य मुद्रास्फीति पिछले महीने फरवरी में 5.94 प्रतिशत से घटकर 4.66 प्रतिशत रह गई। मार्च में प्राथमिक वस्तुओं की मुद्रास्फीति फरवरी में 2.81 प्रतिशत से घटकर 0.76 प्रतिशत रह गई। ईंधन और बिजली की थोक कीमतें फरवरी में 0.71 की गिरावट की तुलना में मार्च में 0.20 प्रतिशत रहीं। थोक मूल्य सूचकांक यानी डब्ल्यूपीआई में लगभग 64% हिस्सा रखने वाले मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स के दाम में फरवरी में 2.86% की वृद्धि के बाद 3.07% की वृद्धि हुई।
हीट वेब से सब्जी और फल की कीमतें बढ़ने की आशंका
इस बीच, भारतीय मौसम विभाग ने देशभर में हीट वेब की चेतावनी दी है, जिससे सब्जी और फल की कीमतें बढ़ने की आशंका है। यह महंगाई पर दबाव डाल सकता है। बोफा ग्लोबल रिसर्च में भारत और आसियान आर्थिक अनुसंधान के प्रमुख राहुल बाजोरिया ने कहा, "जैसे-जैसे गर्मी के महीनों में तापमान बढ़ता है, सब्जियों और फलों की कीमतों में मौसमी रूप से उछाल होने लगती हैं।"
भारत की खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में सात महीने के निचले स्तर 3.61% पर आ गई, जो जनवरी में 4.31% थी। सरकार आज शाम को मार्च की मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी करने वाली है।
आरबीआई की एमपीसी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मुद्रास्फीति 4% रहने का अनुमान लगाया है, जबकि फरवरी की बैठक में 4.2% का अनुमान लगाया गया था। इस वित्तवर्ष की चार तिमाहियों के लिए, आरबीआई ने पहली तिमाही में मुद्रास्फीति 3.6%, दूसरी तिमाही में 3.9%, तीसरी तिमाही में 3.8% और चौथी तिमाही में 4.4% रहने का अनुमान लगाया है, जिसमें जोखिम समान रूप से संतुलित हैं।