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₹700 का शेयर टूटकर ₹2 पर आया, अब ट्रेडिंग है बंद, कंपनी का रहा है दबदबा

  • Rcom share: एक दौर में टेलीकॉम सेक्टर की चर्चित कंपनियों में शामिल रिलायंस कम्युनिकेशंस की खस्ता हालत की वजह से इसके शेयर भी बुरी तरह क्रैश हो चुके हैं। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से इस शेयर की ट्रेडिंग बंद है।

Varsha Pathak लाइव हिन्दुस्तानTue, 22 Oct 2024 07:22 PM
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Reliance Communications Ltd share: अनिल अंबानी की ज्यादातर कंपनियां दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही हैं। इनमें से एक कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस भी है। एक दौर में टेलीकॉम सेक्टर की चर्चित कंपनियों में शामिल रिलायंस कम्युनिकेशंस की खस्ता हालत की वजह से इसके शेयर भी बुरी तरह क्रैश हो चुके हैं। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से इस शेयर की ट्रेडिंग बंद है।

शेयर का परफॉर्मेंस

बीते कुछ साल में रिलायंस कम्युनिकेशंस के शेयरों में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहा है। साल 2007-08 में एक बार 750 रुपये प्रति शेयर से ऊपर कारोबार करने के बाद यह शेयर 2 रुपये के स्तर पर आ गया। इस लिहाज से शेयर 99 फीसदी टूट चुका है।

कंपनी पर कितना है कर्ज

रिलायंस कम्युनिकेशंस के पास 30 सितंबर तक कुल 40,413 करोड़ रुपये के कर्ज थे। इनमें शॉर्ट और लॉन्ग टर्म, दोनों तरह के कर्ज शामिल हैं। हालांकि, इस कुल राशि में बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लोन पर अर्जित 27,867 करोड़ रुपये का ब्याज शामिल नहीं है और ना ही इसमें गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) पर 3,151 करोड़ रुपये का ब्याज शामिल है। बता दें कि रिलायंस कम्युनिकेशंस वर्तमान में दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 के प्रावधानों के अनुसार कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है।

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शेयरहोल्डिंग पैटर्न

रिलायंस कम्युनिकेशंस के शेयरहोल्डिंग पैटर्न की बात करें तो प्रमोटर के पास 1.85 फीसदी की हिस्सेदारी है। वहीं, पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास 97.38 फीसदी की हिस्सेदारी है। प्रमोटर्स में अनिल अंबानी की फैमिली है।

एनसीएलएटी ने दी थी राहत

हाल ही में एनसीएलएटी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस से बकाया का दावा करने वाली राज्य कर विभाग की याचिका को खारिज कर दिया है। कंपनी के खिलाफ बकाया का दावा दिवाला कार्यवाही शुरू होने के बाद किए गए आकलन पर आधारित था। एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ के आदेश को बरकरार रखा, जिसने राज्य कर विभाग के 6.10 करोड़ रुपये के दावे को खारिज कर दिया था।

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