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शेयर बाजार पर है मोदी सरकार की पैनी नजर, ले सकती है बड़ा फैसला?

  • केन्द्र ग्लोबल टैरिफ वॉर की शुरुआत के मद्देनजर शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव पर बारीकी से नजर रख रही है, लेकिन जल्दबाजी में कोई कदम उठाने या बिना सोचे-समझे कोई प्रतिक्रिया करने से बच रही है।

Varsha Pathak लाइव हिन्दुस्तानTue, 8 April 2025 09:40 AM
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शेयर बाजार पर है मोदी सरकार की पैनी नजर, ले सकती है बड़ा फैसला?

Stock Market News: सोमवार के ब्लैक मंडे के बाद भारतीय शेयर बाजार को लेकर मोदी सरकार भी एक्शन में है। खबर है कि केन्द्र ग्लोबल टैरिफ वॉर की शुरुआत के मद्देनजर शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव पर बारीकी से नजर रख रही है, लेकिन जल्दबाजी में कोई कदम उठाने या बिना सोचे-समझे कोई प्रतिक्रिया करने से बच रही है।

क्या है डिटेल

ईटी की एक रिपोर्ट में सीनियर सरकारी अधिकारी के सोर्स के हवाले से बताया गया है कि उम्मीद है कि निवेशक छोटी अवधि की इस अस्थिरता को समझेंगे और देश के मजबूत माइक्रो इकोनॉमी फंडामेंटल, खासकर अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर मिड अवधि की विकास संभावनाओं का उचित वैल्यूएशन करेंगे। अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "वित्त मंत्रालय, बाजार नियामक सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) नजर रख रहा है। अभी घबराने की कोई बात नहीं है, क्योंकि यह प्रतिकूल परिणाम दे सकता है।" उन्होंने कहा, "इस समय ग्लोबल निवेशकों के लिए यह देखना और भी महत्वपूर्ण है कि आर्थिक विकास की संभावनाएं कहां हैं और मध्यम से लंबी अवधि में निवेश पर रिटर्न कहां आकर्षक रहेगा। इन पहलुओं पर भारत का प्रदर्शन काफी अच्छा है।"

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लिया जा सकता है बड़ा फैसला

वहीं, एक अन्य सोर्स ने कहा कि सेबी अत्यधिक और अनुचित उतार-चढ़ाव या बाजार में हेरफेर को रोकने के लिए, जब भी आवश्यक हो, कोई भी कदम उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। बता दें कि सोमवार को सेंसेक्स 2.95% गिरकर 73,137.9 अंक पर और निफ्टी 3.24% गिरकर 22,161.1 पर बंद हुआ, जो अमेरिका में संभावित मंदी के बारे में निवेशकों की चिंता से प्रेरित वैश्विक बिकवाली को दर्शाता है। दोनों बेंचमार्क सूचकांकों ने 4 जून, 2024 के बाद से अपनी सबसे बड़ी एकल-दिवसीय गिरावट दर्ज की। इस बीच, सोमवार को रुपये में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगभग तीन महीनों में सबसे खराब गिरावट देखी गई। एनालिस्ट ने कहा कि ग्लोबल निवेशक जोखिम भरी संपत्तियों को बेच रहे हैं, जिससे डॉलर को बढ़ावा मिल रहा है।

बता दें कि हाल के महीनों में इक्विटी बाजारों में गिरावट इसलिए भी आई है क्योंकि पिछले चार सालों में उनके शानदार प्रदर्शन के कारण मुनाफावसूली हुई है। उदाहरण के लिए, सेंसेक्स में अक्टूबर 2024 से अब तक 13% से अधिक की गिरावट आई है। वित्त मंत्रालय पिछले साल से ही शेयर बाजार में गिरावट के प्रति आगाह कर रहा है।

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