Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़MDH Everest masala row FSSAI to check quality of spices sold in India check details

देश में बिकने वाले सभी मसालों के क्वालिटी की होगी जांच; MDH, एवरेस्ट विवाद के बाद एक्शन में सरकार

  • MDH और एवरेस्ट के कुछ मसालों को सिंगापुर और हांगकांग में प्रतिबंधित किए जाने के बाद अब भारत का खाद्य सुरक्षा नियामक भी एक्शन मोड में आ गया है।

Varsha Pathak नई दिल्ली, हिन्दुस्तान संवाददाताMon, 22 April 2024 09:09 PM
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MDH और एवरेस्ट के कुछ मसालों को सिंगापुर और हांगकांग में प्रतिबंधित किए जाने के बाद अब भारत का खाद्य सुरक्षा नियामक भी एक्शन मोड में आ गया है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने जांच के मकसद से देश भर से MDH और एवरेस्ट सहित पाउडर के रूप में सभी ब्रांडों के मसालों के सैंपल लेना शुरू कर दिया है।

 

क्यों लिए जा रहे सैंपल

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक सरकारी सूत्र के हवाले से बताया कि मौजूदा घटनाक्रम के मद्देनजर FSSAI बाजार से एमडीएच और एवरेस्ट समेत सभी ब्रांड के मसालों के सैंपल ले रहा है ताकि यह जांचा जा सके कि वे तय मानदंडों को पूरा करते हैं या नहीं। सूत्र ने कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत आने वाला FSSAI निर्यात किये जाने वाले मसालों की गुणवत्ता का नियमन नहीं करता है लेकिन घरेलू बाजार में बेचे जाने वाले उत्पाद की गुणवत्ता की जांच करने के लिए नियमित रूप से बाजार से मसालों के सैंपल लेता है। इस बीच, भारतीय मसाला बोर्ड भी एक्टिव हो गया है। यह बोर्ड MDH और एवरेस्ट के चार मसाला-मिक्स आइटम की बिक्री पर हांगकांग और सिंगापुर में लगाए गए प्रतिबंध पर गौर कर रहा है।

 

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हांगकांग और सिंगापुर में क्यों उठे सवाल

बता दें कि हांगकांग और सिंगापुर में MDH और एवरेस्ट के 4 मसाला-मिक्स आइटम में कथित तौर पर स्वीकार्य सीमा से अधिक कीटनाशक 'एथिलीन ऑक्साइड' पाए जाने की बात कही गई है। हांगकांग के खाद्य सुरक्षा केंद्र (सीएफएस) ने उपभोक्ताओं से इन उत्पादों को नहीं खरीदने की सलाह दी है। इसके साथ ही व्यापारियों से नहीं बेचने को भी कहा गया है। वहीं, सिंगापुर खाद्य एजेंसी ने ऐसे मसालों को वापस लेने का निर्देश दिया है।

कौन-कौन से मसाले पर उठे सवाल

MDH के मद्रास करी पाउडर (मद्रास करी के लिए मसाला मिक्स), एवरेस्ट फिश करी मसाला, MDH सांभर मिक्स मसाला और MDH करी मसाला शामिल हैं। हांगकांग के खाद्य नियामक ने दावा किया कि इन उत्पादों में एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा काफी अधिक पाई गई है।

 

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एथिलीन ऑक्साइड ज्यादा होने का मतलब

एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा ज्यादा होने से कैंसर जैसी घातक बीमारी होने का खतरा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की अंतरराष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान संस्था ने एथिलीन ऑक्साइड को ‘समूह-1 कार्सिनोजेन के रूप में वर्गीकृत किया है। इसका मतलब ये है कि यह इंसानों में कैंसर का कारण बन सकता है।

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