Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Jaiprakash Associates Share surges 5 percent price 7 rupees after huge down from 300 rupees

₹300 से टूटकर ₹7 पर आ गया यह शेयर, अब खरीदने की मची लूट, कंपनी को लेकर आई बड़ी खबर

  • Jaiprakash Associates Share: राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय अधिकरण (एनसीएलएटी) ने जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) की दिवाला कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया।

Varsha Pathak भाषाFri, 6 Dec 2024 07:03 PM
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Jaiprakash Associates Share: राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय अधिकरण (एनसीएलएटी) ने जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) की दिवाला कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने एनसीएलटी द्वारा पारित उन आदेशों को बरकरार रखा जिसमें कंपनी के खिलाफ कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) शुरू करने का निर्देश दिया गया था। बता दें कि कंपनी के शेयर आज 5% चढ़कर 7.57 रुपये पर पहुंच गए थे। पिछले पांच दिन में यह शेयर 21% चढ़ गया है। महीनेभर में 22% की तेजी दर्ज की गई है। हालांकि, लंबी अवधि में इसने तगड़ा नुकसान भी कराया है। साल 2008 में इस शेयर की कीमत करीबन 300 रुपये थी। यानी तब से अब तक इसमें 97% की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, इस साल अब तक यह शेयर 65% और सालभर में 60% टूटा है।

क्या है डिटेल

अपीलीय अधिकरण ने कहा, ‘‘सभी मुद्दों पर विचार करने के बाद हमारा मानना ​​है कि एनसीएलटी के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।’’ आदेश मौखिक रूप से सुनाया गया है। विस्तृत आदेश अभी जारी किया जाना बाकी है। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण की इलाहाबाद पीठ ने तीन जून 2024 को सुनाए अपने आदेश में जेएएल के खिलाफ दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता 2016 के तहत कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था। साथ ही भुवन मदान को समाधान पेशेवर (आरपी) नियुक्त किया था।

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आईसीआईसीआई बैंक ने दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की धारा सात के तहत जेएएल के खिलाफ दिवाला याचिका दायर की थी, जिसमें 16,000 करोड़ रुपये से अधिक की चूक का दावा किया गया था। इसके अलावा देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने भी जेएएल के खिलाफ एनसीएलटी का रुख किया था, जिसमें 15 सितंबर 2022 तक कुल 6,893.15 करोड़ रुपये की चूक का दावा किया गया था।

कर्ज में डूबे जेपी समूह की प्रमुख कंपनी जेएएल अगस्त 2017 में दिवाला कार्यवाही शुरू करने के लिए वाणिज्यिक बैंकों से ऋण लेने वाले 26 बड़े चूककर्ताओं की भारतीय रिजर्व बैंक की सूची में शामिल थी।

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