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Hyundai IPO पर दांव लगाने का है इरादा? निवेश से पहले जान लें ये 7 बड़ी बातें

  • Hyundai Motor IPO: हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ इसी हफ्ते खुलने जा रहा है। आईपीओ मंगलवार यानी 15 अक्टूबर को रिटेल निवेशकों के लिए खुल जाएगा। रिटेल निवेशकों के लिए यह आईपीओ 17 अक्टूबर तक खुला रहेगा। यह देश के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।

Tarun Pratap Singh लाइव हिन्दुस्तानSun, 13 Oct 2024 02:24 PM
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Hyundai Motor India IPO: हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ कल एंकर निवेशकों के लिए खुल जाएगा। कंपनी का आईपीओ रिटेल निवेशकों के लिए 15 अक्टूबर को खुलेगा। कंपनी के आईपीओ का साइज 27,870 करोड़ रुपये का है। कंपनी आईपीओ के जरिए 14.2 करोड़ शेयर ऑफर फार सेल के तहत जारी करेगी। यह पैसा कंपनी की पैरेंट कंपनी को जाएगा। अगर आप भी निवेश करने जा रहे हैं तो Red Herring Prospectus की इन प्रमुख बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

1- हुंडई मोटर ग्रुप की 2 कंपनियां किआ कारपोरेशन और किआ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड भी हुंडई मोटर इंडिया के जैसा ही बिजनेस करती हैं। ऐसे में हितों का टकराव हो सकता है। जिसका असर कंपनियों के बिजनेस पर पड़ सकता है।

2- हुंडई मोटर इंडिया अपने पार्ट्स, मैटेरियल्स और रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए प्रमोटर कंपनी हुंडई मोटर कंपनी पर निर्भर है। ऐसे में अगर दोनों के बीच सम्बन्धों में कोई बदलाव होता है तो इसका असर कंपनी की पहचान, बिजनेस और वित्तीय स्थिति पर पड़ेगा।

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3- हुंडई मोटर इंडिया अपनी पैरेंट कंपनी को रॉयल्टी देती है। सेबी के नियमानुसार अगर हुंडई मोटर की तरफ से 5 प्रतिशत या उससे अधिक की रॉयल्टी दी जाती है तो इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति प्रभावित होगी। मौजूदा समय में हुंडई मोटर इंडिया की तरफ से पैरेंट कंपनी को कुल रेवन्यू पर 3.5 प्रतिशत की रॉयल्टी दी जाती है।

4- इकनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार कंपनी पार्ट्स और अन्य मैटेरियल्स के लिए सीमित सप्लायर पर निर्भर करती है। अगर पार्ट्स और मैटेरियल्स की सप्लाई किसी तरह से प्रभावित हुई तो इसका असर कंपनी के ऑपरेशन्स पर पड़ेगा। ऐसे में कंपनी की उत्पादन और डिलीवरी टाइमलाइन प्रभावित हो सकती है।

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5- पार्ट्स और मैटेरियल्स की कीमतों में इजाफा का भी असर कंपनी के बिजनेस और रिजल्ट पर असर डालेगा।

6- कार इंडस्ट्री में मारुति सुजुकी का दबदबा है। हुंडई मोटर, टाटा मोटर, महिंद्रा और महिंद्रा ने भी एक बड़े हिस्से को अपने नियंत्रण में रखा है। किआ और एमजी भी धीरे-धीरे भारतीय कार बाजार में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहे हैं। इनके अलावा निसान, टोयोटा, स्कोडा और होंडा की कोशिश मार्केट शेयर बढ़ाने की है। ऐसे में आने वाले समय इन कंपनियों के बीच प्रतिद्वंदिता और बढ़ सकती है।

7- इन सभी फैक्टर्स के अलावा बाजार के रुख पर भी निवेशकों को नजर रखनी चाहिए। मौजूदा समय में शेयर बाजार की सेहत अच्छी नहीं है। विदेशी संस्थागत निवेशक अक्टूबर महीने के महज 8 दिन में 50000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी घरेलू बाजार से कर चुके हैं। ऐसे में आईपीओ की लिस्टिंग बाजार के माहौल पर भी निर्भर करेगा।

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