भारत में कितने लोग कर रहे हैं नौकरी? बीते पांच साल में 11 करोड़ नौकरियां बढ़ीं
- महामारी के दौरान बंद हुए अवसर फिर खुल गए हैं। 2022-23 में देश नौकरीपेशा लोगों की संख्या लगभग 5% बढ़कर 58 करोड़ हो गई है। आरबीआई का अनुमान है कि अब 58 करोड़ लोग नौकरी कर रहे हैं।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में देश नौकरीपेशा लोगों की संख्या लगभग 5% बढ़कर 58 करोड़ हो गई है। भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) द्वारा तैयार किए जा रहे अनुमान से यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार नौकरी करनेवाले लोगों की संख्या 2021-22 में 55.3 करोड़ से लगभग 3 करोड़ बढ़ गई है।
बीते पांच सालों में देश में 11 करोड़ नौकरियां बढ़ीं
मामले की जानकारी रखनेवाले लोगों ने बताया कि भारत में पिछले 5 वर्षों में 11 करोड़ नौकरियां बढ़ी हैं। 2017-18 में 47 करोड़ लोग ही नौकरीपेशा थे। 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक 23.7 करोड़ नौकरियां कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सृजित हुईं हैं।
इसके बाद निर्माण में 6.8 करोड़ और व्यापार में 6.3 करोड़ नौकरियां पैदा हुईं। सबसे कम 3.24 लाख नौकरियाँ पेट्रोलियम उत्पादों के निर्माण में शामिल उद्योगों में थीं। प्लास्टिक उद्योग ने 13 लाख से अधिक नौकरिया पैदा की हैं।
महामारी के दौरान बंद हुए अवसर फिर खुले
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और इंटरनेशनल ग्रोथ सेंटर (आईजीसी) के भारत कार्यक्रम के पूर्व निदेशक प्रोनब सेन ने कहा कि बीते साल में कोरोना के कारण रोजगार गंभीर रूप से प्रभावित हुआ था, जिसके कारण हमारी सामान्य दर 3% की तुलना में बेरोजगारी दर 9% तक बढ़ गई है।
उन्होंने कहा कि ये नौकरी के नए अवसर नहीं हैं, बल्कि महामारी के दौरान बंद हो गए नौकरी के अवसरों को फिर से खोलना है। इसलिए, इसे गति नहीं माना जा सकता है। इसके बजाय, यह इंगित करता है कि हमारी अर्थव्यवस्था कोविड वर्ष से उबर रही है।
वृद्धि महत्वपूर्ण
डॉक्टर बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु के कुलपति प्रोफेसर एन.आर. भानुमूर्ति ने कहा कि दो वर्षों के बीच लगभग 2.7 करोड़ की अनुमानित वृद्धि बड़ी संख्या है। यह उस अवधि के दौरान सृजित नौकरियों की संख्या को दर्शाता है। यह वृद्धि महत्वपूर्ण है क्योंकि कोविड महामारी के दौरान संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए थे।
आरबीआई के केएलईएमएस डाटाबेस के अनुसार भारत में कुल रोजगार सृजन 2021-22 में बढ़कर 55.3 करोड़ हो गया है, जबकि 2017-18 में यह 47.1 करोड़ था। इसका मतलब है 8.2 करोड़ से अधिक नौकरियां सृजित हुईं।
आरबीआई का केएलईएमएस डाटा, उत्पादन में पांच प्रमुख इनपुट- पूंजी (के), श्रम (एल), ऊर्जा (ई), सामग्री (एम) और सेवाओं (एस) के बारे में जानकारी प्रदान करता है। यह रिपोर्ट कुछ ही महीनों में जारी की जाएगी।
कब कितने लोग नौकरीपेशा में रहे
वर्ष नौकरीपेशा लोगों का संख्या
2017-18 में 47.1 करोड़
2018-19 में 48.3 करोड़
2019-20 में 52.2 करोड़
2020-21 में 54.4 करोड़
2021-22 में 58 करोड़ (अनुमान)
स्रोत: आरबीआई केएलईएमएस डाटाबेस
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