स्टील और एल्युमीनियम पर डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ लागू, मेटल कंपनियों के शेयर लुढ़के
- Trump, Tariff and Trade War: ट्रंप का स्टील और एल्युमीनियम आयात पर व्यापक टैरिफ लगाने का फैसला बुधवार से आधिकारिक तौर पर लागू हो गया। ट्रंप के टैरिफ ने ग्लोबल ट्रेड को चिंताओं में डाल दिया है। भारत जैसे देशों के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति है।

Trump, Tariff and Trade War: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का स्टील और एल्युमीनियम आयात पर व्यापक टैरिफ लगाने का फैसला बुधवार से आधिकारिक तौर पर लागू हो गया। इसके तहत एल्युमीनियम आयात पर शुल्क पहले के 10% से बढ़ाकर 25% कर दिया गया है। ट्रंप के टैरिफ ने ग्लोबल ट्रेड को चिंताओं में डाल दिया है। भारत जैसे देशों के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति है, क्योंकि उनके स्टील सेक्टर पहले से ही आयात और बाजार में अधिक उत्पादन की समस्याओं से जूझ रहे हैं। यूरोपीय संघ और अन्य देशों के जवाबी कदमों से ग्लोबल ट्रेड वॉर का खतरा बढ़ गया है।
भारतीय स्टील कंपनियों के शेयरों में गिरावट
ट्रंप की टैरिफ धमकी पर रिएक्शन देते हुए निवेशकों ने भारत सहित एशियाई बाजारों में स्टील बनाने वाली कंपनियों के शेयर बेच दिए। सेल के शेयर बीएसई पर 4.67% गिर गए, जेएसडब्ल्यू स्टील के शेयर 2.20% गिर गए और जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के शेयर 0.72% गिर गए। भारत के स्टील मंत्रालय ने पिछले साल वाणिज्य मंत्रालय से स्टील उत्पादों पर 25% शुल्क लगाने का अनुरोध किया था, क्योंकि जनवरी-जुलाई 2024 के बीच चीन से स्टील आयात 80% बढ़कर 1.61 मिलियन टन हो गया था।
टैरिफ 10% से बढ़ाकर 25% कर दिया
ट्रंप ने 2018 में लगाए गए टैरिफ से सभी छूट हटा दी हैं और एल्युमीनियम पर टैरिफ 10% से बढ़ाकर 25% कर दिया है। यह ग्लोबल ट्रेड को बाधित और बदलने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। उन्होंने कनाडा, मैक्सिको और चीन पर अलग-अलग टैरिफ भी लगाए हैं और 2 अप्रैल से यूरोपीय संघ, ब्राजील और दक्षिण कोरिया से आयात पर भी ऐसे ही कर लगाने की योजना बनाई है।
ट्रंप का दावा: टैरिफ से अमेरिकी नौकरियों को बढ़ावा
ट्रंप ने मंगलवार को बिजनेस राउंडटेबल में सीईओ को संबोधित करते हुए कहा कि यह टैरिफ विदेशी कंपनियों को अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे फैक्ट्री नौकरियां अमेरिका में वापस आएंगी। उन्होंने कहा, "जितना यह बढ़ेगा, उतना ही अधिक संभावना है कि वे यहां निर्माण करेंगे," और यह दोहराया कि टैरिफ से अमेरिकी औद्योगिक क्षमता में पुनरुत्थान होगा।
ऑस्ट्रेलिया ने टैरिफ को "अनुचित" बताया
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने इस पर रिएक्शन देते हुए कहा कि यह टैरिफ "पूरी तरह से अनुचित" है और दोनों देशों की "स्थायी दोस्ती की भावना के खिलाफ" है। ऑस्ट्रेलिया को ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान लगाए गए इसी तरह के टैरिफ से छूट दी गई थी। अल्बनीस ने कहा, "यह एक दोस्ताना कदम नहीं है।"
टैरिफ का अमेरिकी शेयर बाजारों पर असर
अमेरिकी शेयर बाजारों को भारी नुकसान हुआ है, जहां पिछले एक महीने में एसएंडपी 500 में 8% की गिरावट आई है, क्योंकि व्यापार से प्रेरित आर्थिक मंदी की आशंकाएं बढ़ रही हैं। अर्थशास्त्रियों ने चिंता जताई है कि हालांकि टैरिफ अमेरिकी स्टील और एल्युमीनियम उत्पादकों को अल्पकालिक लाभ प्रदान कर सकता है, लेकिन बढ़ी हुई लागत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए हानिकारक हो सकती है, जो इन धातुओं पर बहुत अधिक निर्भर है।
यूरोपीय संघ का जवाबी कदम
यूरोपीय संघ ने कहा कि वह अगले महीने से अमेरिकी स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ के जवाब में 26 अरब यूरो (28.33 अरब डॉलर) के अमेरिकी सामान पर प्रतिशुल्क लगाएगा। यूरोपीय आयोग ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
भारत का स्टील निर्यात
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2024 में अमेरिका को भारत का प्राथमिक स्टील निर्यात 450 मिलियन डॉलर था। अमेरिका ने पिछले साल भारत से केवल 2.83 मिलियन डॉलर के स्टील पाइप, ट्यूब और संबंधित उत्पाद आयात किए। 2024 में अमेरिका को एल्युमीनियम और संबंधित उत्पादों का निर्यात 820 डॉलर मिलियन तक पहुंच गया।
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