अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा ट्रंप के टैरिफ का इंपैक्ट, महंगाई की भी पड़ेगी मार
- Impacts of Trump s tariffs: अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए इस साल का आउटलुक अब उतना अच्छा नहीं दिख रहा है। क्योंकि, गोल्डमैन सैक्स ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अपने पूर्वानुमान को कम कर दिया है और ट्रंप के टैरिफ (आयात शुल्क) को इसका मुख्य कारण बताया है।
Impacts of Trump s tariffs: ट्रंप के टैरिफ का असर अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा और वहां के लोगों पर महंगाई की मार भी झेलनी पड़ सकती है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए इस साल का आउटलुक अब उतना अच्छा नहीं दिख रहा है। क्योंकि, गोल्डमैन सैक्स ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अपने पूर्वानुमान को कम कर दिया है और ट्रंप के टैरिफ (आयात शुल्क) को इसका मुख्य कारण बताया है। गोल्डमैन सैक्स के मुख्य अर्थशास्त्री जान हत्जियस ने 2025 के लिए अमेरिकी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटाकर 1.7% कर दिया है। इस साल की शुरुआत में, वह 2.4% ग्रोथ का अनुमान लगा रहे थे।
10 मार्च के एक रिसर्च नोट में हत्जियस ने कहा कि "ट्रेड पॉलिसी की धारणाएं अब काफी निगेटिव हो गई हैं और प्रशासन टैरिफ से होने वाली कम समय के लिए आर्थिक कमजोरी की ओर अपेक्षाओं को मैनेज कर रहा है।" उन्होंने अब इस साल अमेरिकी टैरिफ दर में 10 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो उनके पिछले अनुमान से दोगुना और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में देखी गई वृद्धि से लगभग पांच गुना अधिक है।
हत्जियस के रिसर्च नोट जारी करने के एक दिन बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की कि कनाडाई स्टील और एल्युमिनियम पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ बुधवार यानी आज से लागू होगा। इस नीति में बदलाव से उन अमेरिकी निर्माताओं के लिए कीमतें बढ़ने की संभावना है, जो कनाडाई आयात पर निर्भर हैं।
ये टैरिफ उन बढ़ते टैरिफ की सूची में शामिल हो गए हैं, जो ट्रंप ने कनाडा, मैक्सिको और चीन से आने वाले लगभग $1.4 ट्रिलियन मूल्य के सामान पर लगाए हैं। ये तीन देश अमेरिका के सबसे बड़े ट्रेडिंग पार्टनर हैं। राष्ट्रपति ने कनाडा और मैक्सिको के सामान पर कुछ टैरिफ को अप्रैल तक के लिए अस्थायी रूप से रोक दिया है।
टैरिफ से धीमा होगा आर्थिक विकास
हत्जियस ने बताया कि टैरिफ आर्थिक विकास को धीमा कर सकते हैं, क्योंकि वे उपभोक्ता कीमतों को बढ़ाते हैं और इस तरह वास्तविक आय को कम करते हैं। टैरिफ वित्तीय स्थितियों को भी कड़ा करते हैं और ट्रेड पॉलिसी में अनिश्चितता के कारण कंपनियां निवेश में देरी करती हैं। हत्जियस का अनुमान है कि टैरिफ अगले एक साल में जीडीपी ग्रोथ से 0.8 प्रतिशत कम कर देंगे। संभावित टैक्स कटौती और नियामक छूट, जिन्हें प्रो-ग्रोथ माना जाता है, इस खिंचाव के केवल 0.1 से 0.2 प्रतिशत अंक की भरपाई कर पाएंगे।
टैरिफ से मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका
टैरिफ से मुद्रास्फीति यानी महंगाई भी बढ़ सकती है। हत्ज़ियस का अनुमान है कि कोर पर्सनल कंजम्पशन एक्सपेंडिचर (कोर PCE) प्राइस इंडेक्स इस साल के अंत में 3% तक बढ़ सकता है, जो उनके पिछले अनुमान से लगभग आधा प्रतिशत अंक अधिक है।
दूसरी छमाही में मंदी की लगभग 40% संभावना
अन्य अर्थशास्त्रियों और विश्लेषकों ने भी अपने आउटलुक को संशोधित किया है। जेपीमॉर्गन चेस के अर्थशास्त्रियों ने अपने ग्रोथ पूर्वानुमान को कम कर दिया है और कहा है कि इस साल की दूसरी छमाही में मंदी आने की लगभग 40% संभावना है।
टैरिफ से टूटे शेयर बाजार
हालांकि ट्रंप ने दूरगामी टैरिफ लागू करने का वादा किया था, लेकिन राष्ट्रपति की नीतिगत घोषणाओं ने निवेशकों को चौंका दिया है और बाजारों में गिरावट आई है। इस साल अब तक एसएंडपी 500 में 5.1% और नैस्डैक में 9.7% की गिरावट आई है। उपभोक्ता डिस्क्रेशनरी और बैंक स्टॉक्स, जिन्हें आर्थिक रूप से संवेदनशील माना जाता है, सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
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