₹60 तक गिर सकता है यह शेयर, सहमे निवेशक, बेचने की लगी तगड़ी होड़, 73% घट लुढ़क गया है प्रॉफिट
- बैंक के शेयरों में इस गिरावट के पीछे सितंबर तिमाही के खराब नतीजे हैं। दरअसल, चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में बैंक का प्रॉफिट 73% तक गिर गया। इधर, प्रॉफिट में बड़ी गिरावट के बाद ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म भी सहम गए।
IDFC First Bank shares: आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयर के आज सोमवार को कारोबार के दौरान 10% टूटकर 59.24 रुपये के इंट्रा डे लो पर पहुंच गए थे। यह इसका 52 वीक का नया लो प्राइस भी रहा। हालांकि, बाद में इसमें कुछ खरीदारी हुई और यह शेयर 65.19 रुपये के इंट्रा डे हाई पर पहुंच गए थे। बैंक के शेयरों में इस गिरावट के पीछे सितंबर तिमाही के खराब नतीजे हैं। दरअसल, चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में बैंक का प्रॉफिट 73% तक गिर गया। इधर, प्रॉफिट में बड़ी गिरावट के बाद ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म भी सहम गए और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का शेयर प्राइस टारगेट घटा दिया है।
क्या है डिटेल
दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने इस शेयर पर 'होल्ड' रेटिंग बनाए रखी है। साथ ही इसके टारगेट प्राइस को 72 रुपये से घटाकर 60 रुपये कर दिया है। बता दें कि पिछले कई कारोबारी दिन से यह शेयर सुस्त है। पिछले पांच दिन में इसमें 8%, महीनेभर में 13% और छह महीने में 20% तक की गिरावट आई है। इस साल अब तक यह शेयर 26% तक टूट गया। सालभर में यह शेयर 21% लुढ़क गया है।
सितंबर तिमाही के नतीजे
बता दें कि आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का एकल आधार पर शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर में 73 प्रतिशत घटकर 11,746 करोड़ रुपये रहा है। बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 751 करोड़ रुपये रहा था। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने शनिवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि हालांकि कुल आमदनी समीक्षाधीन अवधि में 10,684 करोड़ रुपये रही है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 8,786 करोड़ रुपये रही थी। बैंक की ब्याज आय बढ़कर 8,957 करोड़ रुपये रही है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 7,356 करोड़ रुपये थी। शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) बढ़कर 4,788 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वर्ष की दूसरी तिमाही में 3,950 करोड़ रुपये थी।
परिसंपत्ति गुणवत्ता के संबंध में, बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) सितंबर, 2024 के अंत तक घटकर सकल कर्ज का 1.92 प्रतिशत रह गई, जो एक साल पहले 2.11 प्रतिशत थी। इसी प्रकार, शुद्ध एनपीए या खराब ऋण पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के अंत में 0.68 प्रतिशत से घटकर 0.48 प्रतिशत हो गया।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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