बिहार के किसी भी कोने से साढ़े 3 घंटे में पहुंचेंगे पटना; विजय सिन्हा ने पेश किया 2027 का विजन डॉक्यूमेंट
2027 के अंत तक राज्य के किसी भी स्थान से तीन-साढ़े तीन घंटे में पटना पहुंचने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार की डेढ़ लाख करोड़ से अधिक की योजनाओं पर काम होगा। उपमुख्यमंत्री ने माना कि बिहार में राष्ट्रीय उच्च पथों का घनत्व राष्ट्रीय औसत से कम है।
राज्य के किसी कोने से राजधानी पटना अब साढ़े तीन घंटे में आया-जाया जा सकेगा। सरकार ने 2027 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। वहीं पांच घंटे में किसी भी कोने से पटना पहुंचने की योजना इस साल तक पूरी हो जाएगी। शुक्रवार को सूबे के उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने साढ़े तीन घंटे में पटना आने का विजन डॉक्यूमेंट पेश किया। अपने कार्यालय कक्ष में पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पहले राज्य के किसी भी कोने से छह घंटे में पटना आने के लक्ष्य को प्राप्त किया। अब पांच घंटे का लक्ष्य इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा।
इसके बाद 2027 के अंत तक राज्य के किसी भी स्थान से तीन-साढ़े तीन घंटे में पटना पहुंचने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार की डेढ़ लाख करोड़ से अधिक की योजनाओं पर काम होगा। उपमुख्यमंत्री ने माना कि बिहार में राष्ट्रीय उच्च पथों का घनत्व राष्ट्रीय औसत से कम है। राष्ट्रीय औसत को पाने के लिए बिहार में 13 हजार किमी एनएच होना जरूरी है। इसके लिए भारत सरकार से 2511 किमी राज्य उच्च पथ और 4329 वृहद जिला पथों को एनएच घोषित करने का अनुरोध किया गया है। 186 किमी सिंगल लेन वाले एनएच को दो लेन करने का भी अनुरोध किया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा में सात पुल प्रस्तावित है। इसी तरह सोन, कोसी, गंडक नदी पर भी पुल बनाए जाएंगे। मुजफ्फरपुर बाईपास, बख्तियारपुर-मोकामा, औंटा-सिमरिया, सरिस्ताबाद-नत्थुपुर और हाजीपुर-छपरा में गंडक नदी पर चार लेन पुल का निर्माण इस साल पूरा हो जाएगा।
ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर, गोरखपुर-सिल्लीगुड़ी एक्सप्रेस-वे, पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे, रामजानकी मार्ग पटना-बेतिया, वाराणसी-रांची कोलकाता एक्सप्रेस-वे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे, आमस-दरभंगा, रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे पर काम चल रहा है। फारबिसगंज-कहलगांव-बाराहाट-कॉरिडोर, नवादा-वारसलीगंज-मोकामा-बरौनी-झंझारपुर-लदनिया कॉरिडोर के साथ ही पशुपतिनाथ-बैद्यनाथधाम की मांग की गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य में 250 आरओबी का निर्माण प्रस्तावित है। इसमें 47 स्थलों पर एक लाख से अधिक तो 97 स्थलों पर 50 हजार से अधिक टीवीयू है। सात निश्चय-दो सुलभ सम्पर्कता के तहतत 25 बाईपास का निर्माण कार्य की मंजूरी दी गई है। इसमें से नौ का काम पूरा हो चुका है। मौके पर सचिव संदीप कुमार आर पुडकलकट्टी व बी. कार्तिकेय धनजी, एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी वाईबी सिंह मौजूद थे।