बिहार में जमीन रजिस्ट्री की दर बढ़ेगी या नहीं, समीक्षा के लिए कमेटी गठित; जल्द होगी बैठक
नीतीश सरकार ने भूमि निबंधन यानी जमीन की रजिस्ट्री की दरों की समीक्षा करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जल्द ही इस कमेटी की बैठक होगी।
बिहार में जमीन की रजिस्ट्री की दर में बढ़ोतरी होगी या नहीं, इस पर कोई निर्णय सरकार के स्तर पर नहीं लिया गया है। लेकिन, इसकी मौजूदा दर और इसमें बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुए नए रेट पर मंथन करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव सह आयुक्त की अध्यक्षता में यह कमेटी बनाई गई है। इसकी महत्वपूर्ण बैठक जल्द ही मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में होने जा रही है।
इस बैठक में एमवीआर (निबंधन की न्यूनतम दर) की संभावित दर या चुनिंदा क्षेत्रों में अगर दर बढ़ोतरी की गुंजाइश बनती है, तो इस पर विचार किया जाएगा। सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श करने के बाद यह कमेटी अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। इसके बाद राज्य सरकार अंतिम रूप से निर्णय करेगी कि एमवीआर की दर में बढ़ोतरी की जाए या नहीं।
इससे पहले बिहार में साल 2013 में ग्रामीण और 2016 में शहरी इलाकों में एमवीआर की दर में बढ़ोतरी की गई थी। इस दौरान करीब 150 फीसदी दर में बढ़ोतरी की गई थी। इसके बाद से अब तक एमवीआर की दर में कहीं कोई बढ़ोतरी या बदलाव नहीं किया गया है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान सिर्फ जिन ग्रामीण इलाकों को शहरी क्षेत्रों में तब्दील किया गया है, उनके एमवीआर में बदलाव करते हुए इसे संबंधित शहरी क्षेत्र के अनुरूप लागू किया गया है।
वर्ष 2014 तक राज्य में प्रतिवर्ष एमवीआर की बढ़ोतरी का प्रावधान था। आमूमन 10 फीसदी की बढ़ोतरी करने की परंपरा थी। परंतु 2014 में सरकार ने इसके प्रावधान में बदलाव कर दिया और यह आदेश निकाला कि एमवीआर में बढ़ोतरी राज्य सरकार के आदेश के बिना नहीं होगी। इसके मद्देनजर 2013 में ग्रामीण और 2016 में शहरी इलाकों की एमवीआर में जो बढ़ोतरी की गई, वह अब तक लागू है। इसके बाद से सरकार ने इसमें बढ़ोतरी से संबंधित किसी प्रस्ताव पर मंजूरी नहीं दी है। इस बार का प्रस्ताव सभी पहलुओं पर मंथन करने के बाद देने की तैयारी है।