बिहार में क्यों नहीं बन पा रहा ड्राइविंग लाइसेंस, बंगाल-झारखंड जा रहे लोग; राजस्व का भी नुकसान
लोग पड़ोसी राज्य में जाकर मामूली कागजात की व्यवस्था कर काफी आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस बनवा कर चले आ रहे हैं। इससे राजस्व की तो क्षति हो ही रही है। साथ ही संसाधन का भी दुरुपयोग हो रहा है।
बिहार के सभी जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी लोगों को समय से नहीं मिल रहा है। सभी कागजी प्रक्रिया और फीस देने के बावजूद कई महीनों तक डीटीओ कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है। दूसरी ओर इस तरह के ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी समय से नहीं बनने की वजह से लोग अब पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल और झारखंड की तरफ रुख करने लगे हैं। लोग पड़ोसी राज्य में जाकर मामूली कागजात की व्यवस्था कर काफी आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस बनवा कर चले आ रहे हैं। इससे राजस्व की तो क्षति हो ही रही है। साथ ही संसाधन का भी दुरुपयोग हो रहा है। डीटीओ कार्यालय में कार्ड प्रिंट करने वाले एजेंसी के ऑपरेटर ने बताया कि तकनीकी दिक्कत के कारण कार्ड सादा ही प्रिंट होकर बाहर निकल रहा है।
सबौर के संजय कुमार ने बताया कि वह रांची में प्राइवेट जॉब करते हैं। ड्राइविंग लाइसेंस नहीं रहने के कारण दिक्कत होती थी। चार माह से सारी प्रक्रिया पूरी करने के बावजूद ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिला। इस वजह से उन्होंने कंपनी के कागजात और आधार का पता बदलवाकर रांची से ही लाइसेंस बनवाया। वहीं बड़ी खंजरपुर निवासी सावित्री देवी ने बताया कि उनके दो पुत्र पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हैं।
भागलपुर में लाइसेंस बनने में देरी हो रही थी तो दुर्गापुर में ही बनवा लिया। इधर, नए ट्रैफिक नियमों के जारी होने और जुर्माने में बड़ा इजाफा किए जाने के बाद से ड्राइविंग लाइसेंस, प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाने वालों की संख्या बढ़ गई है। बिहार के अमूमन सभी जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी बनाने की रफ्तार काफी धीमी है। जिसका खामियाजा सड़कों पर आम लोगों को प्रतिदिन उठाना पड़ रहा है। खासतौर पर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऐसे लोगों को परेशान होना पड़ रह रहा है।
इसकी मुख्य वजह यह है कि संबंधित जिले के जिला परिवहन कार्यालय और आरसी ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंट करने वाली एजेंसी के बीच तालमेल के अभाव में लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी का प्रिंट नहीं हो पा रहा है। ऐसे में अमूमन प्रत्येक जिले के जिला परिवहन कार्यालय में 5 से 10 हजार की संख्या में ड्राइविंग लाइसेंस और ठीक इतनी ही संख्या में आरसी पेंडिंग है। जिला परिवहन पदाधिकारी यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं कि संबंधित एजेंसी द्वारा आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंट करके ही नहीं दिया जा रहा है। इस मामले को लेकर लिखित सूचना विभाग को दे दी गई है।
पेंडिंग ड्राइविंग लाइसेंस
भागलपुर - 6891
मुंगेर - 9081
लखीसराय - 677
मधेपुरा - 697
कटिहार - 727
अररिया - 887
सहरसा - 1829
खगड़िया - 1939
पूर्णिया - 2058
बांका - 2223
सुपौल - 2787
बेगूसराय - 4245
भोजपुर - 1278
गोपालगंज - 8240
बेतिया - 5678
मोतिहारी - 5227
रोहतास - 4888
वैशाली - 4247
सीवान - 4350
छपरा - 3895
सीतामढ़ी - 3551
गया - 3472
पटना - 3051
भभुआ - 2861
नवादा - 2245
मधुबनी - 2194
नालंदा - 2099
शिवहर - 1498
दरभंगा - 1283
औरंगाबाद - 277
शेखपुरा - 450
अरवल - 562
बक्सर - 578
जहानाबाद - 697
इस तरह पूरे बिहार में 1 लाख 28 हजार 492 ड्राइविंग लाइसेंस पेंडिंग है। भागलपुर के जिला परिवहन पदाधिकारी जनार्दन कुमार ने कहा कि संबंधित एजेंसी द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी प्रिंट नहीं किए जाने से 8000 की संख्या में ड्राइविंग लाइसेंस पेंडिंग है। इस मामले को लेकर सोमवार को ही सूचित कर दिया गया है।