जहां रहें, अच्छे से रहें, चुनाव आने वाला है; श्याम रजक के इस्तीफे पर बोले तेजस्वी यादव
अब राजद नेता और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। मीडिया ने जब श्याम रजक को लेकर तेजस्वी यादव से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि वो जहां भी रहें, अच्छे से रहें।
बिहार के दिग्गज नेताओं में शुमार श्याम रजक ने गुरुवार को अचानक राष्ट्रीय जनता दल से अपना इस्तीफा देकर सबको चकित कर दिया। श्याम रजक ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को संबोधित एक संक्षिप्त पत्र जारी किया है जिसमें उन्होंने घोषणा की कि वह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद के साथ-साथ दल की प्राथमिक सदस्यता से भी त्यागपत्र दे रहे हैं। रजक ने राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रसाद को संबोधित अपने पत्र में लिखा है, "मैं शतरंज का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया। आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था।"
अब राजद नेता और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। मीडिया ने जब श्याम रजक को लेकर तेजस्वी यादव से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि वो जहां भी रहें, अच्छे से रहें। तेजस्वी यादव ने कहा, ‘हां, अब जहां रहें, अच्छे से रहें। ठीक है तब, इसपर क्या कहना है। गए हैं तो गए हैं। इसपर कोई बात नहीं कहना। चुनाव आने वाला है। लोग अपना देखता है कि कहीं जाना है या नहीं जाना है। उन सब से कोई फर्क नहीं पड़ता है।’
श्याम रजक ने रखी अपनी बात
लालू प्रसाद यादव को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद श्याम रजक मीडिया के सामने भी आए। मीडिया के सामने श्याम रजक ने कहा, 'मैं राष्ट्रीय जनता दल में था तो राजद के लोग ही तो मोहरा खेल रहे थे। इसलिए मैंने लिखा है कि वो मोहरा खेल रहे थे और मैं रिश्ते निभा रहा था। वो मोहरा को मोहरा समझ रहे थे मैं मोहरा को रिश्ता समझ रहा था।' श्याम रजक ने आगे कहा, 'मैंने आंदोलन जेपी से शुरू किया और राजनीति चंद्रशेखर से शुरू की। जिसमें स्वाभिमान, सम्मान और काम के विजन के अलावा मैं कुछ नहीं जानता हूं।'
जब श्याम रजक से यह पूछा गया कि क्या वो राजद में हाशिये पर थे तब उन्होंने इसपर कहा कि ये तो आप लोग बताएंगे क्योंकि आप लोग (मीडिया) ज्यादा आकलन करते हैं। आप आंकलन कीजिए कि मैं हाशिए पर था या मुख्य़धारा में था। जिन मूल्यों को लेकर हमने राष्ट्रीय जनता दल का गठन किया उन मूल्यों में कमी आ गई है।
श्याम रजक ने बताया भविष्य का प्लान
भविष्य की योजना पर श्याम रजक ने कहा, ‘मैंने अभी इसपर विचार नहीं किया है। मैं राजनीतिक मान्यता के साथ राजनीति करता हूं। मैं जिस दल में रहता हूं उस दल के साथ ईमानदारी करता हूं। दल से मैंने इस्तीफा दे दिया तो अब मेरे पास विकल्प खुले हैं। मेरे सामने दो ही विकल्प है या तो सन्यास ले लूं या फुलवारी की जनता के ऋण को चुकता करूं।’