नीतीश कुमार जब दही-चूड़ा भोज पर लोजपा कार्यालय गए तब कहां थे चिराग पासवान, खुद बताया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज दही-चूड़ा भोज में शामिल होने एलजेपी आर के दफ्तर पहुंचे। लेकिन इस दौरान चिराग पासवान खुद वहां मौजूद नहीं थे। कुछ देर रुकने के बाद सीएम वापस लौट आए। जिस पर सियासी चर्चा तेज हो गई। जिसके बाद अब खुद चिराग ने वहां रहने की वजह बताई है।
लोजपा-रामविलास की ओर से मकर संक्रांति पर पटना स्थित पार्टी कार्यालय में दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया था। जिसमें एनडीए के कई नेता पहुंचे। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश निर्धारित समय से पहले पहुंच गए। जहां उनका स्वागत पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने किया। इस दौरान पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान वहां मौजूद नहीं थे। जिसके बाद सीएम नीतीश कुछ देर रुककर वापस चले आए। जिस पर विपक्ष ने चिराग पासवान पर मुख्यमंत्री के अपमान का आरोप मढ़ दिया। आरजेडी की ओर से कहा गया कि एनडीए के अंदर गुथ्थम-पैजार चल रही है। इस बीच इस पूरे मामले पर चिराग पासवान ने खुद वजह का खुलासा किया।
उन्होने कहा कि इस मामले को अपमान के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। जब मुख्यमंत्री पार्टी कार्यालय आए थे, तब मैं पूजा कर रहा था, जिसे बीच में छोड़कर नहीं आ सकता था। अन्यथा में भागकर पार्टी दफ्तर पहुंच जाता। चिराग ने कहा कि मैं इस बात की सराहना करता हूं कि मुख्यमंत्री का कार्यक्रम काफी व्यस्त है और उन्हें अपनी सुविधा के अनुसार अपने दौरे की योजना बनाने का अधिकार है। हम आभारी हैं कि उन्होंने समय निकाला और हमारे नए कार्यालय में आए। मेरे पार्टी के सहयोगियों ने उनका शानदार स्वागत करने की पूरी कोशिश की।
एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने बताया कि दही-चूड़ा भोज समारोह सुबह 11 बजे शुरू होना था, लेकिन सीएम नीतीश सुबह 10 बजे पहुंचे। उन्होने दिवंगत रामविलास पासवान को पुष्पांजलि अर्पित की और फिर चले गए। उस समय चिराग पासवान अपने आवास पर पूजा कर रहे थे। उन्होंने तुरंत सीएम को फोन करके माफ़ी मांगी। एनडीए में कोई मतभेद नहीं है और सभी गठबंधन सहयोगियों के अध्यक्ष और अन्य नेता इस समारोह में शामिल हुए। आपको बता दें नीतीश कुमार मंत्री विजय चौधरी के साथ एक घंटे पहले एलजेपी आर के नए कार्यालय पहुंच गए थे।
चिराग पासवान ने भरोसा जताया कि एनडीए इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करेगी, जब लोग डबल इंजन सरकार को वोट करेंगे। लोग जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार को कितनी प्राथमिकता मिल रही है। राज्य में अब दो एम्स हैं, जबकि पूरे देश में सिर्फ़ एक ही ऐसा सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल था। उन्होंने यह भी दावा किया कि विपक्षी महागठबंधन टूट जाएगा, जैसा कि हमने दिल्ली में देखा है, जहां कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ने के आम आदमी पार्टी के फैसले को समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस का समर्थन हासिल है।