बिहार से दिल्ली का सफर होगा आसान; पटना, किशनगंज समेत इन शहरों से चलेंगी लग्जरी बसें
बिहार की राजधानी पटना के अलावा बक्सर, नालंदा और किशनगंज से जल्द ही दिल्ली से सटे गाजियाबाद तक आधुनिक लग्जरी बसें चलने वाली हैं। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के निर्देशन में पीपीपी मॉडल पर ये बसें चलाई जाएंगी।
अब बिहार से दिल्ली जाने के लिए लग्जरी बसों की सुविधा उपलब्ध होगी। बिहार-यूपी के बीच चलने वालीं ये बसें दिल्ली की सीमा गाजियाबाद (एनसीआर) तक जाएंगी। जल्द ही बिहार के चार शहरों पटना, बक्सर, किशनगंज और नालंदा से गाजियाबाद के लिए लग्जरी बसों का परिचालन शुरू होगा। बिहार पथ परिवहन निगम ने योग्य एजेंसियों की तलाश शुरू कर दी है। परिवहन विभाग के अनुसार इन चारों शहरों से 4-4 बसों का परिचालन रोजाना होगा।
इस योजना के तहत शहरों का चयन क्षेत्रीय जरूरतों को देखते हुए किया गया है। इसमें सुदूर सीमांचल, भोजपुर-शाहाबाद के साथ-साथ मगध का क्षेत्र भी शामिल है। सेंटर प्वाइंट के रूप में राजधानी पटना को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि हर क्षेत्र के लोगों को दिल्ली जाने के लिए विकल्प मौजूद रहेगा।
गाजियाबाद के लिए बसों का परिचालन लोक निजी भागीदारी योजना (पीपीपी) के तहत किया जाएगा, जबकि, परिचालन समेत पूरी व्यवस्था की मॉनिटरिंग बिहार पथ परिवहन निगम खुद करेगा। बसों के परिचालन के लिए पांच साल का एकरारनामा किया जाएगा। हालांकि, यह अवधि कई अन्य शर्तों पर भी निर्भर करेगी। परिवहन विभाग के अनुसार गाजियाबाद के लिए इन चारों शहरों से परिचालित बसों में बिहार का निबंधन अनिवार्य होगा। यही नहीं, ये बसें लेटेस्ट मॉडल की होंगी।
हर साल दो लाख लोग कर सकेंगे यात्रा
राज्य सरकार की नई पहल का सीधा लाभ सालाना लगभग दो लाख लोगों को होगा। इन बसों के परिचालन से रोजाना 500 से अधिक लोग यात्रा करेंगे। इस प्रकार हर महीने 15 हजार से अधिक यात्री इन बसों का लाभ लेंगे।
बस में होंगी कई सुविधाएं, किराया सरकार तय करेगी
ये बसें दो विकल्पों में हो सकती हैं। सीटर बसों में 43 पुशबैक या उससे अधिक सीटें हो सकती हैं। इसी तरह स्लीपर बसों में 30 या उससे अधिक सीटें होंगी। सीटर बस 'टू बाई टू' जबकि स्लीपर बसें 'टू बाई वन' की होंगी। लग्जरी बसों में मोबाइल चार्जर प्वाइंट होगा। अग्निशमन यंत्र लगे होंगे। इसके अलावा आपातकालीन द्वार और जीपीएस की सुविधा होगी। इसके साथ उसमें वीएलटीडी लगा होगा, ताकि बस का सही लोकेशन पता लगाया जा सके। इन बसों का किराया पथ परिवहन निगम की ओर से निर्धारित किया जाएगा। अप और डाउन दोनों रूट के बसों के लिए तय किराया होगा। बस संचालक किराया तय नहीं करेंगे। यह छूट उन्हें नहीं दी जाएगी।