प्रशांत किशोर की लगातार चुनावी हार, जन सुराज के ही बागी वंशीधर ब्रजवासी ने दिया डबल झटका
- बिहार में व्यवस्था परिवर्तन करने निकले जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर को लगातार दूसरी चुनावी हार मिल गई है। विधानसभा उपचुनाव में पार्टी की हार के बाद तिरहुत MLC उपचुनाव में उनके उम्मीदवार विनायक विजेता भी दूसरे नंबर पर छूट गए।
देश की बड़ी-बड़ी पार्टियों और नेताओं के लिए चुनाव जीतने की रणनीति बनाने के उस्ताद रहे प्रशांत किशोर को बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले लगातार दूसरी चुनावी हार का झटका लग गया है। विधानसभा की चार सीटों के उपचुनाव में जन सुराज पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। विधान परिषद की तिरहुत स्नातक एमएलसी सीट पर प्रशांत किशोर को जीत की उम्मीद थी, लेकिन मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर और वैशाली के ग्रेजुएट वोटरों ने एक निर्दलीय और नियोजित शिक्षकों के नेता वंशीधर ब्रजवासी को अपना नेता चुन लिया। इंकलाबी दस्तक नाम से यू-ट्यूब चैनल चलाने वाले वंशीधर ब्रजवासी को आईएएस केके पाठक से भिड़ जाने के कारण जुलाई में नौकरी से निकाल दिया गया था। पीके के लिए डबल झटका ये है कि वंशीधर पहले जन सुराज के साथ ही जुड़े थे लेकिन कैंडिडेट नहीं बनाने पर निर्दलीय लड़ गए।
बर्खास्त नियोजित शिक्षक से माननीय विधान पार्षद तक का धमाकेदार सफर तय करने में सफल रहे वंशीधर ब्रजवासी इस चुनाव में जन सुराज पार्टी का कैंडिडेट बनने की आस लगाए थे। वंशीधर के पुराने वीडियो अब वायरल हैं जिसमें वो कह रहे हैं- “बिहार में ये जो भाजपा, राजद और जदयू की जो तिकड़ी है। मुख्यमंत्री के चुंबकीय प्रभाव में कभी ये चिपकते हैं, कभी वो चिकपते हैं, सभी मिलकर शिक्षकों को अपमानित करते हैं। शिक्षक कहां जाएंगे, जन सुराज के साथ जाएंगे। इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। जन सुराज बेहतर विकल्प है। जन सुराज बिहार के लोगों के पलायन के मुद्दे पर संघर्ष कर रहा है। यहां के लोगों के रोजी-रोजगार के मुद्दे पर आवाज उठा रहा है। सभी लोग जो राजनीति में शुचिता को पसंद करते हैं वो जन सुराज के साथ हैं।”
वंशीधर ब्रजवासी ने सबकी बैंड बजा दी; तिरहुत में ना पीके चले, ना ही नीतीश या तेजस्वी
सर्वे और जमीनी फीडबैक के आधार पर काम करने वाले प्रशांत किशोर वंशीधर ब्रजवासी के पक्ष में समर्थन का पैमाना नहीं पकड़ सके। पीके ने तिरहुत एमएलसी चुनाव के लिए मुजफ्फरपुर शहर के डॉक्टर विनायक विजेता को उम्मीदवार बनाया। विनायक गौतम इसी सीट से तीन बार विधान पार्षद रहे राम कुमार सिंह के बेटे हैं। माहौल जन सुराज के पक्ष में जरूर था। ये इस बात से साबित होता है कि पहले और दूसरे नंबर पर जन सुराज से ही जुड़े लोग रहे। वंशीधर बज्रवासी को 27744 वोट जबकि विनायक गौतम को 16829 वोट मिले। हार-जीत का फासला 10915 वोट का रहा। राजद के गोपी किशन को 11600 जबकि जेडीयू के अभिषेक झा को 10316 वोट मिले।