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बाघ, तेंदुआ, भालू, कछुआ, सांप; वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में ये जानवर बढ़ाएंगे रोमांच; ओपनिंग कब?

इस सत्र में मोर समेत कई तरह के पक्षी भी पर्यटकों को आकर्षित करेगी। गैंडा भी वीटीआर के पर्यटन केंद्रों में पहुंच चुके हैं। बता दें कि बीते छह माह में वीटीआर के सदाबहार जंगलों में सांप, कछुआ, जानवर और पक्षियों की कई नयी प्रजातियों देखेने को मिली है।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तान, बेतियाFri, 18 Oct 2024 05:15 PM
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भारत नेपाल सीमा पर स्थित बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में नये पर्यटन सत्र की शुरुआत चार दिन बाद 21 अक्टूबर को होने वाली है। इस सत्र में पर्यटकों को रोमांच के साथ प्राकृतिक छंटा भी देखने के लिए मिलेगा। जंगल सफारी शुरू होने से पहले ही बाघ-तेंदुआ समेत जंगली जानवरों की चहलकदमी आसपास के क्षेत्र में होने लगी है। एक सप्ताह पहले से ही वाल्मीकिनगर-बगहा पथ पर बाघ, तेंदुआ, भालू, कछुआ, सांप समेत अन्य जानवरों के साथ कई नई प्रजाति दिखे हैं।

इस सत्र में मोर समेत कई तरह के पक्षी भी पर्यटकों को आकर्षित करेगी। गैंडा भी वीटीआर के पर्यटन केंद्रों में पहुंच चुके हैं। बता दें कि बीते छह माह में वीटीआर के सदाबहार जंगलों में सांप, कछुआ, जानवर और पक्षियों की कई नयी प्रजातियों देखेने को मिली है। पहले से भी वीटीआर मे 350 से अधिक प्रजाति के पक्षी, सांप, जानवर मौजूद हैं। वीटीआर के वाल्मीकि नगर, मंगुराहा और गोबर्धना पर्यटन केंद्रों पर पर्यटकों का रोमांच बढ़ाने के लिए वीटीआर की ओर से कई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है।

अन्य जानवरों की शावक भी मोहेंगे मन

जंगल सफारी के दौरान पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य, जानवर समेत कई अन्य चीजें तो दिखेंगी ही। बाघ-तेंदुआ के शावकों समेत अन्य जानवरों के बच्चे भी उन्हें देखने को मिल सकते हैं। इससे पर्यटकों का रोमांच दोगुना हो जाएगा।

छेड़छाड़ करने की बजाय उठाएं लुत्फ

लोगों, राहगीरों व आने वाले पर्यटकों से अपील की गई है। जिसमें कहा है जंगली जानवर कहीं भी चहलकदमी करते दिख सकते हैं। जंगल के बीचोंबीच होकर गुजरी बगहा सड़क हो या कोई अन्य जगह उन्हें देखकर लुत्फ उठाएं।

वीटीआर के जंगलों में छह माह में कछुआ, सांप, जानवर व पक्षी समेत कई नई प्रजाति देखे गए हैं। नये पर्यटन सत्र में आने वाले पर्यटकों ये आकर्षित करेंगे।- पीयुष बरनवाल, डीएफओ, वन प्रमंडल-2

मिला बेहतर वातावरण तो दिखे विलुप्त प्राय पक्षी व जानवर

वीटीआर के वातावरण, कल्चर, माहौल बेहतर मिलने से विलुप्त के कगार पर पहुंचने वाले पक्षी व जानवरों की भी संख्या दिखने लगी है। विलुप्त के साथ साथ नई प्रजाति के सांप, कछुआ ,पक्षी व जानवरों का मिलना वीटीआर प्रशासन के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है।नई प्रजाति में मिलने वाले जीव जैसे अहैतुला लौंगीरोस्टिक स्नेह, सॉल फॉरेस्ट कछुआ, ट्रिकैरीनेट कछुआ,हिमालयन गोरेल, इंडियन सिबेट, गिद्ध व चमगादड़ों की झुंड दिखने को मिल रहे हैं। इन नई प्रजातियों के कारण पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

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