सर्वे से पहले रिकॉर्ड रूम में बड़ी चोरी, जमीनों के दस्तावेज उठा ले गए 3 चोर; CCTV खंगाल रही पुलिस
संयुक्त अवर निबंधक निखिल अनुराग ने अपने बयान पर केस दर्ज कराया है। उन्होंने पुलिस को बताया है कि तीन अज्ञात शख्स 24 सितंबर की देर रात कार्यालय में घुसे और थैली में अभिलेख लेकर जाते दिखे हैं। घटना सीसीटीवी में कैद हुई है
एक ओर बिहार में भूमि सर्वे का काम चल रहा है तो दूसरी ओर भागलपुर जिला निबंधन कार्यालय में बड़ी चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया है। मामला पुलिस के पास पहुंचा है। इस बार कार्यालय के अभिलेखागार में चोरी को लेकर जोगसर थाने में केस दर्ज कराया गया है। इससे पहले दस्तावेजों में हेराफेरा का केस दर्ज कराया गया था। चोरी की यह वारदात सीसीटीवी कैमरे में दर्ज हो गई है जिसके आधार पर पुलिस छानबीन कर रही है।
कार्यालय के संयुक्त अवर निबंधक निखिल अनुराग ने अपने बयान पर केस दर्ज कराया है। उन्होंने पुलिस को बताया है कि तीन अज्ञात शख्स 24 सितंबर की देर रात कार्यालय में घुसे और थैली में अभिलेख लेकर जाते दिखे हैं। घटना सीसीटीवी में कैद हुई है, फुटेज पुलिस को उपलब्ध कराया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले मई महीने में जिला निबंधन कार्यालय में ही जमीन के दस्तावेज में हेरफेर को लेकर भी केस दर्ज कराया गया था।
अभिलेख नीचे दिखा, वेंटिलेटर तोड़कर अंदर घुसे चोर केस दर्ज कराने वाले संयुक्त अवर निबंधक ने पुलिस को बताया है कि कार्यालय के अजय कुमार सिंह ने उनसे अभिलेखागार चलने को कहा। अंदर जाने पर देखा कि अभिलेख रैक से नीचे रखा हुआ था। अभिलेख पर ईंट और सीमेंट का चूर्ण पड़ा हुआ था जिससे पता चला कि वेंटिलेटर तोड़कर अज्ञात शख्स वहां घुसा था। वेंटिलेटर का जाली टेढ़ा था। सीसीटीवी में तीन अज्ञात लोग वहां प्रवेश करते दिखे। दो शख्स अभिलेख को उठाते हुए दिख रहे हैं। अभिलेख उठाने के बाद उसे थैली में रखकर वे निकल गए। जोगसर थानेदार इंस्पेक्टर केएन सिंह ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदिग्ध की पहचान की कोशिश की जा रही है। अभी तक किसी की पहचान नहीं हो सकी है।
मई महीने में निबंधन कार्यालय में दस्तावेज के हेरफेर को लेकर हुआ था केस मई महीने में निबंधन कार्यालय में जमीन के दस्तावेज में बड़े पैमाने पर हेरफेर का मामला सामने आने के बाद कार्यालय के अधीक्षक श्यामनंदन चौधरी के आवेदन पर जोगसर थाने में केस दर्ज किया गया था। जमीन का सही दस्तावेज को हटा फर्जी दस्तावेज रखने के मामले में जिन लोगों पर केस दर्ज किया गया था उनमें निबंधन कार्यालय के अभिलेखापाल संजय कुमार, लिपिक सुष्मिता कुमारी, लिपिक संतोष कुमार, ऑपरेटर प्रिंस कुमार, ऑपरेटर पंकज कुमार वर्मा, स्वीपर रविंद्र पासवान, बाइंडर विशुनदेव राम, दस्तावेज फोटोकॉपियर किशोर कुमार सिन्हा, फर्जी दस्तावेज विक्रेता सरदार शरणजीत सिंह, फर्जी दस्तावेज विक्रेता सरदार प्रतिपाल सिंह, फर्जी दस्तावेज के क्रेता भोला सिंह, फर्जी दस्तावेज के पहचान कर्ता विश्वनाथ यादव, फर्जी दस्तावेज के गवाह विशिष्ट नारायण सिंह, फर्जी दस्तावेज के लेखक महेंद्र कुमार सिंह के अलावा अज्ञात शामिल थे। अभी तक इस मामले में भी कुछ खास पता नहीं चल सका है।