Hindi Newsबिहार न्यूज़Tejashwi does not know anything about reservation he is in politics because of Lalu Rabri Jitan Manjhi

आरक्षण के बारे में तेजस्वी कुछ नहीं जानते, लालू-राबड़ी की वजह से राजनीति में है: जीतन मांझी

संसद में आरक्षण और बाबा साहेब आंबेडकर को लेकर जारी घमासान के बीच केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने तेजस्वी यादव पर हमला बोला है। उन्होने कहा कि आरक्षण के बारे में वो कुछ नहीं जानते हैं। लालू-राबड़ी की वजह से राजनीति में हैं।

sandeep लाइव हिन्दुस्तान, पटनाSat, 21 Dec 2024 07:29 PM
share Share
Follow Us on

केंद्रीय मंत्री और हम के संस्थापक जीतन मांझी ने रविवार को नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर हमला बोला, मांझी ने कहा कि तेजस्वी को आरक्षण पर बोलने का हक नहीं है। वो आरक्षण का अर्थ नहीं समझते हैं। किसको आरक्षण मिलना चाहिए ये नहीं जानते। क्योंकि माता-पिता मुख्यमंत्री थे, इसलिए वो आज राजनीति में हैं। उनके परिवार की कोई आंदोलनकारी पृष्ठभूमि नहीं रही है। आरक्षण के संबंध में वो कुछ नहीं जानते हैं। मैं और चिराग पासवान उसी वर्ग से पैदा हुए हैं, और आरक्षण का लाभ लेकर काम कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता जवाहरलाल नेहरू आरक्षण विरोधी थे। और विपक्ष गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बीआर आंबेडकर का अपमान किए जाने का दावा इसलिए कर रहा है क्योंकि उसके पास उठाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है। हमारे पास देश को राजनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से आगे ले जाने का एजेंडा है।

ये भी पढ़ें:5 जिलों में टेक्नोलॉजी एक्सटेंशन सेंटर, जीतन मांझी का बिहार को रोजगार का उपहार

मांझी ने कहा कि शाह ने पूछा था कि कांग्रेस आंबेडकर का नाम तो लेती है लेकिन क्या वह उनका अनुसरण भी करती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार आंबेडकर का सम्मान कर रही है। जबकि विपक्ष के पास कोई अन्य मुद्दा नहीं है, इसलिए आरोप लगाना उसकी प्रवृत्ति बन गया है।

ये भी पढ़ें:खुद शराब पीते हैं; तेजस्वी को जीतनराम मांझी की दो टूक पर गुस्से में आरजेडी

उन्होने कहा कि ससंद में हुई अप्रिय घटना के बारे में अवगत कराया। जीतन मांझी ने कहा कि वास्तव में यह घटना संसदीय इतिहास की ऐसी पहली घटना है, जब दो सांसदों को हॉस्पिटलाइज होना पड़ा है। विपक्ष का संसद नहीं चलने देने का रवैया अत्यंत निंदनीय है और यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। विपक्ष को संसद में सहयोगात्मक रवैया अपनाना चाहिए।

अगला लेखऐप पर पढ़ें