बिहार में शिक्षकों की तबादला नीति जारी, बीपीएससी और सक्षमता परीक्षा पास टीचर का होगा ट्रांसफर
बीपीएससी से चयनित और सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए आवेदन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। अगले दो-तीन महीने के भीतर पात्र सभी शिक्षकों का तबादला कर दिया जाएगा।
Bihar Teacher Transfer Policy: बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत लाखों शिक्षकों के तबादले का इंतजार खत्म हो गया है। नीतीश सरकार ने सोमवार को शिक्षकों की नई स्थानांतरण नीति का ऐलान कर दिया है। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से चयनित और सक्षमता परीक्षा पास करने वाले नियोजित शिक्षकों का इसी साल ट्रांसफर किया जाएगा। हालांकि, स्थानीय निकायों से पूर्व में नियुक्त शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं होगा। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि जल्द ही स्थानांतरण के लिए शिक्षकों से आवेदन लिए जाएंगे। दिसंबर 2024 तक शिक्षकों को नए स्कूलों में तैनात कर दिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने सोमवार को पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि किया कि जो नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण हैं, वही इस नीति के तहत आएंगे। साथ ही बीपीएससी से चयनित एवं पुराने वेतनमान वाले शिक्षकों पर भी यह नीति लागू होगी।
शिक्षकों की नई तबादला नीति की खास बातें-
- पुरुष शिक्षकों को अपने अनुमंडल क्षेत्र के स्कूल में पोस्टिंग नहीं मिलेगी
- प्रथम चरण में सभी पात्र शिक्षकों का स्थानांतरण एवं पदस्थापन मुख्यालय स्तर से किया जाएगा
- बीपीएससी टीआरई-1 एवं 2 और सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों ने अगर ट्रांसफर-पोस्टिंग का विकल्प नहीं दिया है, तो उनके स्थानांतरण पर विचार नहीं किया जाएगा। वे अपने स्कूल में यथावत बने रहेंगे
- शिक्षकों के तबादले के दौरान राज्य स्तरीय वरीयता के आधार पर अवसर मिलेंगे
- अगर किसी शिक्षक या उनके परिवार के किसी सदस्य को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी है तो उन्हें पसंदीदा जिले, अनुमंडल और पंचायत या निकाय में पोस्टिंग दी जा सकती है
- विधवा, तलाकशुदा एवं अन्य महिला शिक्षिकाओं को भी पसंदीदा विकल्प में पोस्टिंग की वरीयता दी जाएगी
- अगर किसी शिक्षिका का पति भी सरकारी कर्मी है तो उसके पति के पदस्थापन स्थल के आधार पर महिला टीचर को ट्रांसफर का विकल्प मिलेगा
- हर पांच साल में एक बार ट्रांसफर अनिवार्य होगा
- शिक्षक ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए अधिकतम 10 विकल्प दे सकते हैं
- शिक्षकों का ट्रांसफर सॉफ्टवेयर आधारित एप्लीकेशन के जरिए किया जाएगा, स्कूलों में छात्र-शिक्षक का अनुपात, आधारभूत संरचना और उपलब्ध रिक्ति के आधार पर पोस्टिंग दी जाएगी