नाविक चाहते तो बच सकती थी गंगा में बह गए शिक्षक की जान, साथी टीचर ने बताया हादसा कैसे हुआ
पटना के नासिरगंज घाट पर नाव पर चढ़ने के दौरान गंगा में बहे शिक्षक अविनाश कुमार की जान बच सकती थी। सहयोगी शिक्षिका ने बताया कि हादसे के वक्त किसी नाविक ने उनकी मदद नहीं की। वो हाथ उठाकर हेल्प मांगते रहे।
पटना जिले के नासिरगंज घाट पर नाव में चढ़ने के दौरान हुए हादसे में बीपीएससी चयनिय टीचर गंगा में बह गए। जिसके बाद वहां हड़ंकप मच गया। इस घटना के बाद से शिक्षकों में काफी रोष है। प्रशासन से घाटों पर गोताखोरों और एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती की मांग की है। वहीं अविनाश कुमार के साथ जब ये हादसा हुआ तब उनके साथ नाव में सहयोग शिक्षक-शिक्षिकाएं भी मौजूद थी। जिन्होने अपने सामने ये हादसा देखा। और नाविकों को मदद न करने का आरोप लगाया है।
चश्मदीद शिक्षिका ने बताया कि अविनाश कुमार की जान बच सकती थी। अगर नाविक मदद के लिए नदी में कूदते। या रस्सी फेंकते लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की। और अविनाश डूबते वक्त मदद मांगते रहे। लेकिन किसी ने मदद नहीं की। हम लोगों को तैरना नहीं आता है। वरना हम ही लोग नदी में कूद जाते।
सहयोगी शिक्षिका ने कहा कि अविनाश कुमार का स्कूल दियारा में है। दानापुर से रोज नाव से हम लोग जाते हैं। आज जब अविनाश नाव में चढ़ रहे थे। तभी नाविक ने नाव खोल दी। जिसके बाद वो गंगा नदी में गिर गए। इस दौरान हम लोगों ने मदद के लिए गुहार लगाई। नाव पर कई नाविक थे। लेकिन किसी ने मदद नहीं की। कोई नाविक नदी में नहीं कूदा। अविनाश हाथ हिलाकर मदद मांगते रहे। हम लोगों को तैराकी नहीं आती है। इस वजह से हम लोग मदद नहीं कर पाए।
उन्होने बताया कि रोज बीच नदी में नाव में कचरा फंसता है। और नाविक नदी में उतरकर उसे साफ करते हैं। लेकिन आज किसी ने मदद नहीं की। अविवाश की जान बच सकती थी। शिक्षिका ने बताया कि हम लोग रोज नाव से स्कूल जाते हैं। लेकिन इस दौरान कोई भी गोताखोर या फिर एसडीआरएफ तैनात नहीं होती है। आज भी घटना के कई घंटों बाद गोताखोर और एसडीआरएफ पहुंची है।
आपको बता दें इस घटना के बाद से शिक्षकों में काफी गुस्सा है। कोई ऑनलाइन अटेंडेंस को जिम्मेदार ठहरा रहा है। तो कोई प्रशासन को कोस रहा है। शिक्षकों की मांग है कि बरसात के सीजन में दियारा के स्कूलों को बंद कराया जाए। आपको बता दें अविनाश कुमार फतुआ के सरथुआ इलाके के रहने वाले हैं।
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