BPSC परीक्षा में उपद्रव करने वाले छात्रों पर लगेगा बैन! पेपर, OMR शीट ले जाने की कोशिश, CCTV में कैद घटना
बताया जा रहा है कि उपद्रवी छात्रों को बीपीएससी की परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगाने का निर्णय लिया जाएगा। इस बीच, जिला प्रशासन की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि कुछ उपद्रवियों ने बीपीएससी की परीक्षा रद्द कराने के लिए हंगामा किया था।
पटना के बापू परीक्षा परिसर में बीपीएससी पीटी के दौरान उपद्रव करने वाले छात्रों पर बीपीएससी कार्रवाई करेगा। पटना जिला प्रशासन की ओर से परीक्षा केंद्र पर हंगामे की जांच रिपोर्ट आयोग को भेज दी गई है। सोमवार को आयोग के वरीय अधिकारी इस जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई को लेकर बैठक करेंगे। माना जा रहा है कि उपद्रवी छात्रों को बीपीएससी की परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगाने का निर्णय लिया जाएगा। इस बीच, जिला प्रशासन की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि कुछ उपद्रवियों ने बीपीएससी की परीक्षा रद्द कराने के लिए हंगामा किया था।
परीक्षा केंद्र पर तैनात मजिस्ट्रेट सह वरीय उपसमाहर्ता ब्रजकिशोर लाल और केंद्राधीक्षक मृत्युजय कुमार सिंह की ने संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक, 13 दिसंबर को हुई बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में साजिश के तहत प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट को परीक्षा केंद्र से बाहर ले जाने की कोशिश की गई। एक परीक्षार्थी ट्रंक से प्रश्न पत्र का पैकेट लूटकर हाथ में लहराते हुए छात्रों के समूह के साथ गेट तोड़कर बाहर निकल गया। इससे परीक्षा केंद्र पर विधि व्यवस्था खराब होने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। में इस बात का जिक्र किया है। मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने बीपीएससी को भविष्य में ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है।
कोचिंग संस्थानों की भी संलिप्तता
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि परीक्षा केंद्र पर हंगामे में कुछ कोचिंग संस्थानों की भूमिका हो सकती है, इसकी जांच करानी चाहिए। हंगामे में परीक्षार्थियों के अलावा बाहर के लोग भी थे। परीक्षार्थियों ने कई कमरों में जाकर उपस्थिति पत्रक आदि प्रपत्रों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। यहां कुल 5671 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है। परीक्षार्थियों को उनके हॉल में सीलबंद बॉक्स नहीं खोले जाने और 10-15 मिनट देर से प्रश्न पत्र वितरित करने को लेकर आपत्ति की थी। इसे लेकर हॉल में प्रश्न पत्र वितरण को बाधित किया गया। केंद्राधीक्षक की ओर से परीक्षार्थियों को समझाने का प्रयास किया गया कि सीलबंद बॉक्स किसी एक परीक्षा कक्ष में ही नियमानुसार खोला गया है तथा उन्हें अतिरिक्त समय उपलब्ध कराया जाएगा, लेकिन परीक्षार्थी हंगामा करने लगे। सीसीटीवी फुटेज में सारा घटनाक्रम दर्ज है।
जाम नहीं रहता तो केंद्राधीक्षक की बच सकती थी जान
मजिस्ट्रेट ने डीएम को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि हंगामे के दौरान सहायक केंद्राधीक्षक राम इकबाल सिंह को हार्ट अटैक आ गया था। उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल ले जाने का प्रयास किया जा रहा था। लेकिन परीक्षार्थियों ने मुख्य सड़क को ही जाम कर दिया था। यदि उन्हें समय पर अस्पताल पहुंचाया जाता तो शायद जान बचाई जा सकती थी।
बापू परीक्षा परिसर परीक्षा केंद्र पर हंगामा करने वालों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए दो टीमों का गठन किया गया है। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि पहली टीम केंद्र पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर हंगामा करने वालों की पहचान करेगी। वहीं दूसरी टीम उनकी गिरफ्तार करेगी। डीएम ने बताया कि आयोग की गाइडलाइन के अनुसार सीलबंद बॉक्स को किसी भी परीक्षा हॉल में खोला जा सकता है लेकिन उसमें रखे सील पेपर को संबंधित हॉल में खोलना था। ऐसा ही वहां के केंद्राधीक्षक के द्वारा कराया गया, लेकिन कुछ उपद्रवी परीक्षार्थियों ने अफवाह फैलाकर हंगामा कर दिया। कुछ ने परीक्षा रद्द होने की अफवाह फैलाई।